वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से एक दिन पहले देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश की। वित्तमंत्री ने आज आर्थिक सर्वे पेश किया। आर्थिक सर्वे के मुताबिक देश की विकासदर मौजूदा वित्तीय वर्ष में सात फीसदी के करीब रहेगी। सर्वे के मुताबिक मौजूदा वित्तीय साल में तेल की कीमतों में कमी आएगी।

जो देश के लिए अच्छी खबर है। लेकिन अर्थव्यवस्था में इस तरह तेजी भी वर्तमान वित्तीय वर्ष में नहीं दिख रही है। जिसकी उम्मीद की जा रही थी। फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान देश को 2025 तक विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर है।

आज पेश किए गए इस सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है 2020 में सकल घरेलू उत्पाद में 7 फीसदी का इजाफा होगा। हालांकि मौजूदा वित्तीय वर्ष सामान्य राजकोषीय घाटा 5.8 फीसदी रहेगा जबकि पिछले साल यह 6.4 फीसदी था। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने सर्वे को तैयार किया है।

देश की अर्थव्यवस्था सात फीसदी के आसपास चल रही है। उनके मुताबिक भारत 2025 में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की तऱफ अग्रसर है। पीएम नरेन्द्र मोदी भी देश की अर्थव्यवस्था को 2025 तक दोगुना करने की बात कह चुके हैं। लिहाजा अब सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डालर पर पहुंचाने के लिए रुपरेखा तैयार की जाएगी।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने ट्विटर पर लिखा, ''मेरी और नयी सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा के संसद के पटल पर रखे जाने को लेकर उत्साहित हूं.' वर्ष 2018- 19 की आर्थिक समीक्षा ऐसे समय पेश की जा रही है जब अर्थव्यवस्था विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रही है।

आज पेश किए गए सर्वे में कहा गया कि देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए 8 फीसदी की विकास दर चाहिए। अगर 2025 तक हर साल 8 फीसद की आर्थिक वृद्धि दर हासिल की जाए तो देश विश्व की पांचवी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।