जौनपुर(उत्तर प्रदेश)- जौनपुर का भूलनडीह गांव इन दिनों धार्मिक मान्यताओं में बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहा है। पहले यहां के लोगों की बीमारी ठीक करने का लालच देकर ईसाई धर्म में स्वीकार कराया गया। जिसके बाद आर्य समाज के प्रचारक यहां आए, जिनके समझाने बुझाने पर गांव वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ।  

लगभग एक हजार लोगों को धर्मांतरण के जाल से मुक्त कराया गया। गांव में हवन और यज्ञ का आयोजन करवाया गया। फिलहाल तो हालत यह है, कि जिस जगह पर धर्म परिवर्तन का खेल खेला जाता था। उलूल जुलूल हरकतें करके लोगों को बीमारी से मुक्त कराने का दावा किया जाता था। ठीक उसी जगह पर वेदों के मंत्र गूंज रहे हैं, हवन का पवित्र धुआं चारो ओर मंडरा रहा है।

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दरअसल भूलनडीह गांव पिछले दिनों तब सुर्खियों में आया, जब यहां ईसाई मिशनरियों के सक्रिय होने की खबर आई। रविवार व मंगलवार  के दिन चंगाई सभा के नाम पर यहां पर आस-पास के गांव के गरीबों को बहला फुसलाकर चर्च में  बुलाकर  बाइबल पढ़ाई जाती थी यहां तक कि उनसे हिंदू धर्म की बुराई भी कराई जाती थी।

इस पूरे षड्यंत्र का सूत्रधार था, दुर्गा यादव। जिसके खिलाफ एक अधिवक्ता ने केस दर्ज कराया। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर 271(दो सौ इकहत्तर) लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।

अदालत के इस मामले में संज्ञान लेने के बाद सरकार ने भी कड़ाई दिखाई और पुलिस ने प्रार्थना सभा को बंद करा दिया। जिसके बाद भूलनडीह गांव का माहौल ही बदल गया है।