महागठबंधन से मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से सांसद अतुल राय को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अतुल राय को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतुल राय को अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति दे दिया था।

बता दें कि अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप है और हाइकोर्ट से राहत नही मिलने पर राय को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार छापे मारी कर रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घोसी लोकसभा सीट से बसपा-सपा महागठबंधन के प्रत्याशी बीरपुर गाजीपुर के बाहुबली अतुल राय की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। तब से अतुल राय फरार है। 

याचिका में लड़की से दुराचार कर वीडियो वायरल करने के आरोप में वाराणसी के लंका थाने में दर्ज एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। ज्ञात हो कि अतुल राय पर आरोप है कि सात मार्च 2018 को पीड़िता को अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने रेस्टोरेंट में बुलाया और उसे कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। 

इसका वीडियो सीसीटीवी कैमरे से बना लिया और फिर पीड़िता को धमकाने लगा। उसने वीडियो वायरल भी कर दिया। 1 मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई है। गौरतलब है कि अतुल राय पर हत्या, अपहरण और बलात्कार सहित कुल 42 आपराधिक मामले चल रहे है।

खास बात है कि 17वीं लोकसभा में घोसी सीट से महागठबंधन के टिकट पर अतुल राय ने चुनावी बाजी मारी है। इस सीट पर अतुल राय ने भाजपा के पुराने नेता व सिटिंग सांसद हरिनारायण राजभर को 1,22018 मतों से हरा दिया था। अतुल राय ठेकेदारी के व्यवसाय से जुड़े है और गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील के वीरपुर गांव के मूल निवासी हैं। राय के पिता डीएलडब्ल्यू से रिटायर्ड कर्मचारी हैं।

राय की पूरी शिक्षा-दीक्षा वाराणसी में ही हुई है। राय भारतीय रेलवे में बड़े ठेकेदार के तौर पर रजिस्टर्ड व्यवसायी हैं और कंस्ट्रक्शन की चार कंपनियों के निदेशक हैं और चर्चित अंसारी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। राय ने 2017 में गाजीपुर जनपद की जमानिया विधानसभा सीट से राजनीतिक सफर की शुरुआत की हालांकि इस चुनाव में वह जीत हासिल करने में सफल नहीं हुए थे।