अयोध्या: यहां के परमानपुर बोधीपुर गांव के मंदिर से दो सौ वर्ष पुरानी गायब हुई राम लक्ष्मण जानकी की बेशकीमती मूर्तियां मंदिर में वापस रखी हुई मिली हैं। यह मूर्तियां 10 फरवरी यानी लगभग पांच महीने पहले चोरी हो गई थीं। यह इलाका गोसाईंपुर कोतवाली के अंतर्गत आता है। 

इस मामले का खुलासा करते हुए सीओ सदर वीरेंद्र विक्रम ने बताया कि उक्त मूर्ति 10 फरवरी को गायब हुई थी। पुलिस मूर्ति की बरामदगी के लिए लगातार दबिश डाल रही थी।चोरो ने मूर्तियों को 3/4जुलाई की रात्रि में किसी समय मन्दिर में रख दिया।
इसकी जानकारी पुजारी सेवादास को तब हुई जब सुबह चार बजे मन्दिर की साफ़ सफाई के लिए गये तो देखा कि मूर्ति रखी हुई है। पुजारी ने इसकी जानकारी मन्दिर के स्वामी सहित इलाकाई पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया। पुजारी सेवादास ने मूर्ति की पहचान कर बताया कि यह वही मूर्ति है जो10 फरवरी को मन्दिर से गायब हुई थी। 

प्राचीन होने के कारण इन मूर्तियों की एंटीक वैल्यू है। जिसकी वजह से यह बेशकीमती मानी जा रही हैं।

गोसाईगंज इलाके के परमानपुर बोधीपुर गांव में अमसिन बाजार के व्यवसायियों द्वारा करीब दो सौ वर्ष पूर्व तीन मंदिरों का निर्माण कराया गया था। 10 फरवरी की रात चोरों ने रामजानकी मंदिर में स्थित राम, जानकी, लक्ष्मण, श्रीकृष्ण, राधा तथा लड्डू गोपाल सहित आठ मूर्तियों को दरवाजे की कुंडी काटकर अंदर घुसकर उठा ले गए थे। 

इन मूर्तियों में राम जानकी तथा लक्ष्मण की मूर्ति अष्टधातु की बताई गई थी। जबकि अन्य मूर्तियां पीतल की बताई गई थी। मामले की जानकारी सुबह करीब नौ बजे हुई जब पुजारी सेवादास पूजा करने गए तो कुंढी टूटी देखकर वह अवाक रह गया। जब अंदर देखा तो भगवान की सभी मूर्तियां गायब थी। पुजारी ने इसकी सूचना आसपास के लोगों व बाजार वासियों के साथ इलाकाई पुलिस को दिया था। मौके पर पहुंचे सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए तत्काल मूर्तियों के बरामदगी की मांग करने लगे थे। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और दो दिन के अंदर मूर्ति बरामद की बात भी कही थी।

मूर्ति बरामद होने तक मंदिर में भगवान की फोटो रखकर पूजा अर्चना जारी रखने का निर्णय पुजारी सहित अन्य लोगों ने लिया था। मामले में पुजारी सेवादास की तहरीर पर अपराध संख्या33/19धारा457,380 के तहत केस दर्ज कर मूर्तियों की बरामदगी एवं चोरो को पकड़ने के लिए टीम को लगा दिया गया था। 

अब चोरों द्वारा मूर्तियां वापस करने के बाद कागजी खानापूर्ति के बाद यह सभी मूर्तियां मन्दिर के पुजारी को वापस सौंप दी गयी है।