लखनऊ के केजीएमयू में एक हादसे में घायल रवि का भर्ती किया गया था जहां उसका ब्रेन डेड हो गया था। जिसके बाद वहां के डाक्टरों ने उनके परिजनों का समझाया कि रवि के अंगों को दान कर वह कई लोगों की जिंदगी को रौशन कर सकते हैं। जिसके बाद उसके परिवार वाले इसके लिए तैयार हो गए और उन्होंने रवि के अंगों को दान कर दिया।
लखनऊ। इस दुनिया से अलविदा लेने के साथ ही रवि पांच लोगों की जिंदगी में उजाला कर गया। वह जाते जाते पांच लोगों को नया जीवन दे गया। असल में एक हादसे के बाद रवि का ब्रेन डेड हो गया था। जिसके बाद उसके परिवारवालों ने उनके अंग को दान करने का फैसला किया और रवि लिवर, दोनों किडनियां और कार्निया भी जरूरतमंद मरीजों को दान की गईं।
लखनऊ के केजीएमयू में एक हादसे में घायल रवि का भर्ती किया गया था जहां उसका ब्रेन डेड हो गया था। जिसके बाद वहां के डाक्टरों ने उनके परिजनों का समझाया कि रवि के अंगों को दान कर वह कई लोगों की जिंदगी को रौशन कर सकते हैं। जिसके बाद उसके परिवार वाले इसके लिए तैयार हो गए और उन्होंने रवि के अंगों को दान कर दिया।
इस पर रवि के परिवार और उनकी पत्नी की सहमति पर डॉक्टरों ने अंगदान की तैयारी शुरू की। इसके बाद केजीएमयू के डाक्टरों की टीम ने सफल लिवर प्रत्यारोपण किया, जबकि रवि की दो किडनियां पीजीआई में दो मरीजों को ट्रांसप्लांट की गईं। इसके साथ ही उसकी दोनों कार्निया से दो लोगों की आंखों की रोशनी भी लौटी।
जानकारी के मुताबिक लखनऊ के डालीगंज निवासी रवि का पिछले हफ्ते मलिहाबाद एक्सीडेंट हो गया था। उसे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर भर्ती किया गया था। हालांकि डाक्टरों ने उसका ऑपरेशन भी किया और बाद में इलेक्ट्रोग्राफी में पता चला कि उनके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया है।
इसके ऑर्गन ट्रांसप्लांट विभाग के डाक्टरों की टीम ने उसके परिवारीजन की काउंसिलिंग की। उसके पिता श्याम किशोर राठौर, मां व पत्नी की सहमति पर डाक्टरों ने अंगदान की तैयारी शुरू की। परिवारीजन ने रवि का लिवर, दो किडनियों और दो कार्निया दान कर पांच लोगों को नई जिंदगी दी। डाक्टरों ने ब्रेन डेड मरीज रवि का लिवर निकालकर सुबोध के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जो लिवर सिरोसिस से पीड़ित था।
Last Updated Aug 21, 2019, 8:09 PM IST