श्रीनगर।  केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर आज देश में पहली बार संविधान दिवस मनाएगा। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा मिला होने के कारण संविधान दिवस वहां पर नहीं मनाया जाता था। लेकिन आज पहली बार इस हिमालयी प्रदेश में संविधान दिवस के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

देश के आजादी के बाद राज्य को 1957 में विशेष राज्य का दर्जा मिल गया था। जिसके बाद राज्य में एक राष्ट्र और एक देश के संविधान को लागू नहीं किया गया। लेकिन पांच अगस्त को राज्य से विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया और इसे केन्द्र शासिस राज्य बना दिया गया। जिसके बाद आज पहली बार केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में संविधान दिवस का आयोजन किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को राज्य को दो हिस्सों में विभाजित कर लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर दिया था।

अब जम्मू कश्मीर के साथ ही लद्दाख में संविधान दिवस का आयोजन पहली बार किया जाएगा। इस बारे में जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग आदेश  जारी किया है और इस आदेश के तहत 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गौरतलब है कि आज संविधान स्वीकार करने की 70वीं सालगिरह है। सरकार के इस आदेश के तहत पहली बार राज्य में सुबह 11 बजे संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाएगा और इसके बाद लोग मौलिक कर्तव्यों का अनुपालन करने की शपथ लेंगे।

गौरतलब है कि 1949 में इसी दिन भारत के संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे पूरे देश में लागू किया गया था। लेकिन जम्मू कश्मीर में इसे लागू नहीं किया गया। लेकिन बाद की सरकारों ने 1957 में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया। जिसके बाद इसे कभी भी वहां लागू नहीं किया जा सका। लेकिन अब जम्मू कश्मीर देश के अन्य राज्यों की तरह भारत का अभिन्न हिस्सा है और अब ये केन्द्र शासित प्रदेश बन गया है।