भारतीय मूल के कुछ विदेशी कलाकारों का दल रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या आया। वहां पर फटे हुए तंबू में रामलला को विराजमान देखकर उनके दुख का पारावार नहीं रहा। उन्होंने यहां की सुविधाओं पर सवाल उठाया और दर्शन को सुगम बनाने की अपील की। उन्होंने अयोध्या में जल्दी ही भव्य राम मंदिर बनने की उम्मीद जाहिर की।
अयोध्या : मारीशस व त्रिनिदाद टोबैगो के रामलीला कलाकारों का 23 सदस्यीय दल रविवार को धार्मिक नगरी अयोध्या पहुंचा। इन सभी ने सुबह नदी तट पर पहुंच कर सरयू का दर्शन पूजन किया।
जिसके बाद वह सभी विवादित परिसर में विराजमान राम लला के दर्शन करने गए। करीब 9 बजे तक अयोध्या मे रहकर कुछ स्थलों को भी देखा जिसमे राम की पैड़ी व अयोध्या शोध संस्थान का तुलसी स्मारक भवन भी शामिल है।अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ के मुताबिक अयोध्या शोध संस्थान के संग्रहालय मे संरक्षित रामायण काल की दुर्लभ कृतियों को विदेशी अतिथि कलाकारों ने बेहद बारीकी से देखा और उनके बारे में जिज्ञासा जाहिर कर जानकारी भी हासिल की।
कलाकार अतिथियों को यहां की दही जलेबी व कचौड़ी का नाश्ता भी करवाया गया। हालांकि दर्शन के लिए गए विदेशी कलाकारों को राम लला मंदिर के दर्शन के दौरान संकरे रास्ते से गुजरना बेहद अखर गया।
टीम के साथ आए कलाकार गुराह कमल ने कहा कि धार्मिक स्थल पर दर्शन बेहद सुलभ होना चाहिए जिससे आराध्य देव से भावनात्मक जुड़ाव हो सके। पर यहां तो दर्शन के दौरान जांच पर जांच से गुजरना पड़ता है।
विदेशी मेहमानों मे मारिशस के गोपी सुरेश,दर्शन रंजीव ने कहा कि विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर जल्द बनना चाहिए। मंदिर बनने के बाद दर्शन में आने वाली बाधाएं स्वतः खत्म हो जाएंगी और दर्शन सरलता से सुलभ हो जाएगा।
Last Updated Sep 22, 2019, 9:09 PM IST