जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले की फॉरेंसिक रिपोर्ट आ गयी है। इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें जो आरडीएक्स इस्तेमाल किया गया है वह आमतौर पर सेना द्वारा किया जाता है। जाहिर है कि ये आरडीएक्स आतंकियों को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से मिला था। जिसे भारत में सीमा पार से कश्मीर में बैठे हैंडलर के जरिए लाया गया था।

इस साल 14 फरवरी में पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया और इसमें देश के बहादुर 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर इस हमले में शामिल जैश के ठिकानों को नष्ट कर दिया था। भारतीय वायु सेना ने वहां पर कई आतंकियों को भी मार गिराया था।

इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर में सेना ने आतंकियों का सफाया करना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी इस हमले की फॉरेंसिक रिपोर्ट आ गयी है और इस रिपोर्ट में सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ है कि आतंकियों ने हमले में जो आरडीएक्स इस्तेमाल किया था वह सेना के द्वारा किया जाता है। जाहिर है आतंकियो को ये आरडीएक्स पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के हुक्मरानों ने पाकिस्तानी सेना के जरिए मुहैया कराया है।

पुलवामा में हमले की साजिश पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला विशेषज्ञों ने माना कि 14 फरवरी के आत्मघाती बम विस्फोट में 'आरडीएक्स' और 'अमोनियम नाइट्रेट' के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया था। जिसे मारुति ईको कार एक जेरी में एकत्रित किया गया था।

धमाके के प्रभाव को और ज्यादा बढ़ाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने बम में आरडीएक्स को मिलाया गया था। लेकिन अब इसमें एक तथ्य ये भी उभर कर रहा है कि हमले में जिस आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था वह मिलिट्री ग्रेड का था। यानी इस्तेमाल सिर्फ सेना ही करती है।

जाहिर है कि ये विस्फोटक पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादी संगठनों को मुहैया कराया गया था। गौरतलब है कि पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास विस्फोटकों से भरी गाड़ी से सेना के काफिले पर हमला किया था और अपनी गाड़ी से सेना की बस को टक्कर मारा था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।