कर्नाटक में चल रहे राजनैतिक संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि राज्य में कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और राज्य में पांच साल तक कांग्रेस की सरकार नहीं टिक पाएगी। शिवराज का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि बीजेपी ने कर्नाटक के साथ ही आंध्र प्रदेश में ऑपरेशन लोटस चला रखा है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के सहयोग से चल रही है। राज्य में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। लेकिन आज शिवराज से बयान के बाद इसके सियासी अर्थ निकाले जाने लगे हैं। हालांकि कमलनाथ का दावा है कि फिलहाल राज्य सरकार पर कोई खतरा नहीं है।

लेकिन कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत न होने के कारण सरकार पर खतरा तो मंडरा रहा है। अब कर्नाटक का असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। हालांकि केन्द्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इसकी उम्मीद की जा रही थी। गौरतलब है कि गुरूग्राम में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहाथा कि कांग्रेस की कई विधायक उनके संपर्क में हैं। लेकिन बीजेपी कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर सरकार नहीं बनाएगी।

ये है राज्य का सियासी समीकरण

मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस को तो कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं। जबकि बीएसपी और एसपी को एक-एक सीट जबकि 4 सीटों पर निदर्लीय जीते।

लिहाजा राज्य में कमलनाथ सरकार एसपी और बीएसपी के साथ ही निदर्लीय विधायकों पर निर्भर है। हालांकि पिछले दिनों निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार से नाराजगी जताई थी। हालांकि बाद में कमलनाथ उनकी नाराजगी को दूर करने में सफल रहे।