अपने कार्यकाल के दौरान सेना के लिए कई बेहतरीन कदम उठाने के लिए याद किया जाता है। लंबे समय थे बीमार, आज सुबह ली अंतिम सांस।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान रक्षा मंत्री रहे जार्ज फर्नांडिस  का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। दिल्ली में उन्होंने सुबह 7 बजे आखिरी सांस ली। फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम ने फर्नांडिस को याद करते हुए लिखा, 'वह भारत के सबसे बेहतरीन राजनेताओं में से एक थे।' पीएम ने ट्वीट कर लिखा, 'वह बेबाक और निडर थे। उनकी सोच दूरदर्शी थी। उन्होंने हमारे देश के लिए बहुमूल्य योगदान दिया। वह गरीबों और हाशिए पर जा चुके लोगों की सबसे दमदार आवाजों में से एक थे।'

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अपने कार्यकाल के दौरान सेना के लिए कई बेहतरीन कदम उठाने के लिए याद किया जाता है। फर्नांडिस ने रक्षा मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय जैसे कई अहम विभाग संभाले थे। फर्नांडिस 1930 में कर्नाटक के मंगलौर में पैदा हुए थे। फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे। वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, कोंकणी और लैटिन भाषा जानते थे। उनकी मां किंग जॉर्ज पंचम की बड़ी प्रशंसक थीं। उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा था। 

आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए जार्ज फर्नांडिस को पगड़ी पहन और दाढ़ी रख कर सिख का भेष धारण किया था जबकि गिरफ्तार होने के बाद तिहाड़ जेल में रहे और कैदियों को गीता के श्लोक सुनाए। 1974 की रेल हड़ताल के बाद वह कद्दावर नेता के तौर पर उभरे और उन्होंने बेबाकी के साथ आपातकाल लगाए जाने का विरोध किया था। 

इमरर्जेंसी खत्म होने के बाद फर्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़े और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। जनता पार्टी की सरकार में वह उद्योग मंत्री बनाए गए थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने आईबीएम, कोकाकोला जैसी कंपनियों को देश से चले जाने का आदेश दिया।

बाद में जनता पार्टी टूटी, फर्नांडिस ने अपनी पार्टी समता पार्टी बनाई और भाजपा का समर्थन किया। फर्नांडिस ने अपने राजनीतिक जीवन में उद्योग, रेल और रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।