लखनऊ। यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में गुरूवार को मौत हो गई। ऐसे में उससे जुड़ा एक किस्सा काफी याद किया जा रहा है। 1996 में बसपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचने के बाद सियासी हलको में मुख्तार अंसारी का कद काफी बढ़ा। इस वाकये से माफिया के रसूख का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने वाले अफसर को छोड़नी पड़ी नौकरी

घटना साल 2004 की है। स्पेशल टॉस्क फोर्स यानी एसटीएफ ने सेना छोड़ने वाले दो लोगों को अरेस्ट किया। उन पर माफिया मुख्तार अंसारी को चुपके से एलएमजी (लाइट मशीनगन) और कारतूस उपलब्ध कराने का आरोप था। उस समय एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह वाराणसी यूनिट के प्रभारी थे और उन्होंने इस केस में मुख्तार के खिलाफ पोटा के तहत केस दर्ज कर दिया। उन पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जाने लगा। यह दबाव इतना बढ़ा कि उन्हें नौकरी से रिजाइन करना पड़ा। उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ, जेल भी गए। हालां​कि योगी सरकार में उन पर दर्ज मुकदमा वापस हुआ।

लखनऊ कैंट में फायरिंग के बाद एसटीएफ की थी नजर

दरअसल, बीजेपी नेता कृष्णानंद राय और माफिया मुख्तार अंसारी के बीच लखनऊ के कैंट इलाके में फायरिंग के बाद गैंगवार की आशंका थी। इसको लेकर एसटीएफ की दोनों तरफ निगाहे थीं। सर्विलांस के जरिए एक कॉल को ट्रैप किया गया। जिसमें पता चला कि मुख्तार अंसारी की सेना के किसी भगोड़े जवान से लाइट मशीनगन खरीदने की बात चल रही है। सेना का भगोड़ा जवान बाबू लाल जम्मू कश्मीर की 35 राइफल्स से एलएमजी लेकर फरार था और उसी असलहे की डील मुख्तार के गनर मुन्नर यादव और भगोड़े जवाने के जरिए हो रही थी। 

क्यों हो रही थी एलएमजी की डील?

25 जनवरी 2004 को एसटीएफ ने वाराणसी के चौबेपुर से बाबू लाल यादव और मुन्नर यादव को दबोच लिया। डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने पोटा के तहत मुख्तार अंसारी के खिलाफ केस दर्ज कराया। जिस फोन का इस्तेमाल मुख्तार कर रहा था। वह उसके गुर्गे तनवीर के नाम से रजिस्टर्ड था। शैलेंद्र सिंह पर मुख्तार का नाम मुकदमे से हटाने का दबाव आया। पर वह पीछे नहीं हटें। भले ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उनका दावा था कि यह हथियार कृष्णानंद राय की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर हमले के लिए खरीदी जा रही थी, क्योंकि एलएमजी से बुलेटप्रूफ गाड़ी को भेदा जा सकता है। वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत सिन्हा के मुताबिक, इस घटना के बाद जुलाई 2005 में एसटीएफ और जौनपुर पुलिस ने कुछ अपराधियों से पूछताछ की तो मुख्तार अंसारी पर वाराणसी के सांसद राजेश मिश्रा की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगा।

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