पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान अपने विरोधियों को निपटाने में लगे हैं। लिहाजा मनी लॉन्ड्रिंग केस में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी गिरफ्तार कर लिया गया है।  जरदारी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में एनएबी ने गिरफ्तार किया है।

पूर्व राष्ट्रपति जरदारी पर आरोप है कि वह पैराथन नाम से एक फेक फ्रंट कंपनी चला रहे थे और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के मुताबिक जरदारी ने फर्जी बैंक खातों से 15 करोड़ का लेनदेन किया था। जिसके बाद वह एनबीए के जांच के दायरे में थे। जरदारी पाकिस्तान में विपक्षी दल पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष हैं।

जरदारी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय बेनजीर भुट्टो के पति हैं और उन्हें पार्क लेन मामले में गिरफ्तार किया गया था। जरदारी ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के खिलाफ दायर अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी वापस ले ली थी। क्योंकि उनका कहना था कि अगर उन्हें जमानत मिल गयी तो उन पर गंभीर आरोप लगाए जाएंगे। क्योंकि एनबीए सरकार के इशारों पर काम कर रही है।

गौरतलब है कि 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद आसिफ अली जरदारी को पार्टी का सह अध्यक्ष नियुक्त किया गया था जबकि इस पार्टी के अध्यक्ष उनके बेटे हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक बैंकिंग अदालत ने मनी लॉन्‍ड्रिंग केस के मामले में पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

इसी जमानत को उन्हें खारिज करा दिया है। एनएबी का आरोप है कि फर्जी बैंक खातों के माध्यम से जरदारी ने 15 करोड़ रुपये का लेन-देन किया था। जरदारी से पहले उनकी बहन को भी इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। जरदारी की गिरफ्तारी के बाद जरदारी की पार्टी पीपीपी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी सरकार के सामने नहीं छुकेगी।