सुप्रीम कोर्ट के चार नए जजो ने शपथ ले ली है। ये चार जज हैं बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस बी आर गवई, हिमाचल हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत, झारखंड के चीफ जस्टिस अनिरूद्ध बोस और गुवहाटी हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ए एस बोपन्ना. अब ये जज सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर काम करेंगे।
 
हाल ही में इन चारों की नियुक्ति को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी थी। इन चारों जजों के स्वीकृति पद 31 है और इससे पहले 2014 में सभी पद भरे गए थे। जिन चार जजों की नियुक्ति हुई है इनमें से दो जज ऐसे हैं जो आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 9 मई को फिर से जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस ए एस बोपन्ना को शीर्ष अदालत का जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी। साथ हो दो और नाम केंद्र सरकार को भेजे थे। कॉलेजियम ने जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत को पदोन्नत कर शीर्ष कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी। 

इससे पहले केंद्र सरकार ने जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना के नाम की कॉलेजियम की सिफारिश लौटा दी थी। जिसके बाद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने दोनों नाम केंद्र को भेजे थे। कॉलेजियम ने कहा था कि उनकी कार्यक्षमता, आचरण और निष्ठा के बारे में कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिला है। 

जस्टिस अनिरुद्ध बोस झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस है और जस्टिस ए एस बोपन्ना गुवाहाटी हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस है। जस्टिस बोस न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता के क्रम में 12 वे नंबर पर है। उनका मूल हाइकोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट रहा है। जस्टिस बोपन्ना वरिष्ठता क्रम में 36 वे नंबर पर है। पिछले साल जब न्यायमूर्ति बोस के नाम की सिफारिश दिल्ली हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस पद के लिए की गई थी तब भी सरकार ने उनका नाम लौटा दिया था।