दस दिन तक चलने वाला गणेशोत्सव का पर्व पूरे महाराष्ट्र में श्रद्धा और उत्साह के साथ शुरू हो गया है। रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे श्रद्धालु गणपति की प्रतिमा अपने घर और पंडालों में लेकर आए और ‘गणपति बप्पा मोरया’के मंत्रोच्चार के बीच उन्हें स्थापित किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गुलाल उड़ा का खुशी का इजहार किया। 

मुंबई, पुणे, नासिक और नागपुर सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों में बेहद खूबसूरत पंड़ाल लगाए गए हैं। इन पंडालों में भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। पंडालों में महोत्सव के दिनों में मुफ्त चिकित्सा जांच, रक्तदान शिविर, गरीबों के लिए धर्मार्थ कार्य जैसे सामाजिक सरोकार के मुद्दों को भी बढ़ावा दिया जाता है।

महाराष्ट्र के गर्वनर सी विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गणेशोत्सव पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है और इसे भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में देशभर में मनाया जाता है। 

हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक मोदक भगवान गणेश का प्रिय मिष्ठान है इस लिए गणपति को 21 मोदक का भोग लगा कर इसे प्रसाद स्वरूप लोगों में बांटा जाता है। 

महोत्सव को देखते हुये पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राजधानी मुंबई में महोत्सव के दौरान कम से कम 15,000 सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया है।

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी मंजुनाथ शिंगटे ने बुधवार को कहा कि स्थानीय थाने के जवानों सहित, स्थानीय सशस्त्र पुलिस, राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ), दंगा रोधी पुलिस, त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस) और नागरिक सुरक्षा बल के जवानों को भी पूरे शहर में तैनात किया गया है। 

सुरक्षा के लिए शहर भर में 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस महोत्सव का समापन 23 सितंबर को होगा। वैसे 14, 17, 19 और 23 सितंबर को विसर्जन के दिन हैं। (भाषा के इनपुट के साथ)