वाराणसी: गंगा के जलस्तर ने अब रिहायशी इलाकों का रुख कर लिया है। माँ गंगा का पानी दशाश्मेध घाट ,अस्सी घाट से होकर सड़को की ओर रुख कर चुका है। यह चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर को पार कर 71.03 मीटर पहुंच गया है। बाढ़ के पानी से सैकड़ो मंदिर,जल पुलिस चौकी पूरी तरह डूब चुकी है। 50 से ऊपर गाँव और दो दर्जन से ज्यादे रिहायशी इलाकों में सैकड़ो लोग पलायन कर चुके है।

 उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने  बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र कोनिया एवं आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर जायजा लिया । उन्होंने प्रभावित घरों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के साथ-साथ पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराए जाने का नगर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों ने पीड़ित परिवारों को किसी भी दशा में खाने - पीने की समस्या नहीं होनी चाहिए और बाढ़ पीड़ितों की सहायता में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

 जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया बाढ़ से प्रभावित होने वाले कोनिया क्षेत्र का दौरा किया। बाढ़ का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में घुसना शुरु हो गया है। उन्होंने मौके पर उपस्थित क्षेत्रीय प्रभारी अपर नगर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए कि अभी से बाढ़ प्रभावितों को राहत कैम्पों में सुरक्षित पहुंचाने के लिए नाव सहित राहत सामग्री की व्यवस्था करा लें।

 कोनिया घाट पर जाकर पानी में डूबे हुए मकानो को खाली करा कर बाढ़ राहत कैम्पों में ले जाने के निर्देश के साथ ही मौके पर एनडीआरएफ की टीम से बाढ़ से प्रभावित लोगों की जानकारी ली और राहत कार्यों के बारे में पूछा और एलर्ट रहने के निर्देश दिए।

 प्राथमिक विद्यालय कोनिया पंचायत भवन आदमपुर जोन, में चल रहे स्कूल का निरीक्षण किया तथा नगर निगम से एक स्थायी शौचालय तथा सांसद निधि से एक शौचालय निर्माण कराने के साथ ही पेयजल हेतु पानी टैंकर लगाने का निर्देश दिया।