राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के युवाओ को पहली मार्च से बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की घोषणा ने राजनैतिक गलियारों में चर्चाओ का दौर गर्म कर दिया है। दिलचस्प ये है कि बेरोजगारों को मंहगाई भत्ता महज दो साल ही मिलेगा। कांग्रेस ने विधानसभा सभा चुनाव घोषणा पत्र में युवाओं के लिए यह वादा किया था। मुख्यमंत्री की घोषणा के 5 दिनों बाद ही सरकार के श्रम व नियोजन विभाग ने बेरोजगारी भत्ते के आदेश जारी कर दिए है।

बेरोजगारी भत्ते की स्कीम को विभाग ने मुख्यमंत्री युवा संबल योजना का नाम दिया है। आदेश के मुताबिक बेरोजगारी भत्ते का भुगतान 1 मार्च से होगा और योजना के तहत बेरोजगार पुरूषों को 3000 रुपय और महिलाओ को 3500 रुपय हर महीने बेरोजगारी भत्ते के रुप में मिलेगें। गहलोत सरकार की पिछली सरकार के दौरान भी बेरोजगारों भत्ते की स्कीम शुरु हुई थी। पुरानी स्कीम अक्षत योजना के नाम से चल रही है। इसके तहत 21 से 35 साल के 50 हजार शिक्षित बेरोजगार युवाओं को 2 साल तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाता रहा है। स्कीम के तहत बेरोजगार पुरुष को हर माह 650 रुपये और महिला व दिव्यांग को हर माह 750 रुपये मिलते हैं। अब विभाग की नई योजना के लिए पात्रता शर्ते भी जारी की गई है। 

 बेरोजगार भत्ता पाने के लिए शर्ते

1-आवेदनकर्ता की आयु 21 साल से 35 साल के बीच हो।
2-योजना के तहत जिन युवाओ के पास कोई रोजगार नहीं है वे ही पात्र माने जाएगे। 
3-आवेदन कर्ता को 10वीं/12वीं/ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन पास होना चहिए।
4-लेकिन आवेदन कर्ता ने 12वीं के बाद कोई तकनीकी कोर्स किया है तो ही बेरोजगार भत्ते के हकदार होगे।
5-आवेदनकर्ता के परिवार की आय सलाना 3 लाख रुपए से अधिक ना हो।
6-आवेदनकर्ता को राजस्थान का स्थाई निवासी होना चाहिए। 
7-बेरोजगारी भत्ता के लिए जरूरी दस्तावेजो में आधार कार्ड, भामाशाह आईडी कार्ड,राशन कार्ड कॉपी,स्थाई मोबाइल नंबर,स्थाई e-mail Id, वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेज जमा करवाने होगे।