असल में राज्य में कांग्रेस के बागी विधायकों के पार्टी में लौटने के बाद राज्य सरकार को पूर्ण समर्थन मिला है। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बागी विधायकों से बेहतर रिश्ते बनाने में और सुधारने के लिए छह महीने का समय मिल सकेगा।
जयपुर। राज्य में एक महीने के सियासी ड्रामे के बाद राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा सदन में विश्वास मत हासिल किया। जबकि विपक्षी भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफअविश्वास प्रस्ताव रखा था। लेकिन विधायकों की संख्या पूरी के कारण कांग्रेस सरकार ने विश्वासमत हासिल किया। वहीं दो दिन पहले कांग्रेस में लौटे बागी विधायक सचिन पायलट ने कहा कि उनके उठाए गए मुद्दों को लेकर एक रोडमैप तैयार किया गया है और इसी के आधार पर अब राज्य में आगे घोषणाएं की जाएंगी।
असल में राज्य में कांग्रेस के बागी विधायकों के पार्टी में लौटने के बाद राज्य सरकार को पूर्ण समर्थन मिला है। वहीं कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बागी विधायकों से बेहतर रिश्ते बनाने में और सुधारने के लिए छह महीने का समय मिल सकेगा। असल में पार्टी 19 असंतुष्ट विधायकों के विद्रोह के कारण कांग्रेस सरकार के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया था और राज्य सरकार ने विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें एक महीने तक होटलों में रखा था।
वहीं सचिन पायलट ने सीएम गहलोत के घर पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग लेने के एक दिन बाद उनके पक्ष में वोट डाला और घोषणा की कि वह राजस्थान के लोगों के हित और किए गए वादों के अनुसार कार्य करने के लिए दृढ़ हैं। वहीं सदन में जीत के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि हाल में लौटे बागी विधायकों के साथ संबंध बनाने और सुधारने के लिए छह महीने का समय मिल सकेगा।
उन्होंने कहा, '' सरकार द्वारा लाया गया विश्वास मत आज राजस्थान विधानसभा में बहुत अच्छे बहुमत से पारित हुआ है। विपक्ष द्वारा विभिन्न प्रयासों के बावजूद, परिणाम सरकार के पक्ष में है। वहीं सचिन पायलट ने कहा कि उन सभी मुद्दों के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है और उन्हें पूरा विश्वास है, कि रोडमैप के अनुसार घोषणा की जाएगी। राजस्थान के संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पारित किया और कहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिराने के भाजपा के प्रयासों को विफल कर दिया गया।
Last Updated Aug 14, 2020, 6:07 PM IST