जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर छाया सियासी संकट खत्म हो गया है और अब राज्य की अशोक गहलोत सरकार राज्य के सभी मंत्री, विधायक, केन्द्रीय सेवाओं के अफसर, राज्य सरकार के अफसर और कर्मचारियों के वेतन को पर कैंची चलाने की तैयारी में है। कोरोना संकटकाल में राज्य सरकार के राजस्व में चपत लगी है। लिहाजा राज्यसरकार ने सभी का वेतन काटने का फैसला किया है और राज्य सरकार का कहना है कि ये वेतन कोविड कोष में जमा किया जाएगा। 

असल में राज्य की अशोक गहलोत सरकार पिछले एक महीने सरकार को बचाने में लगी थी। क्योंकि  राज्य में कांग्रेस के तत्कालीन  प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने सरकार  से बगावत कर दी थी।  लिहाजा सरकार का पूरा ध्यान सरकार को बचाने में था। वहीं एक महीने से ज्यादा समय तक चले सियासी ड्रामें में के बाद सरकार बच गई है और अब सरकार का फोकस राजस्व जुटाने में है। वहीं राज्य में औद्योगिक विकास ने कोरोना संकट के कारण रफ्तार नहीं पकड़ी है। लिहाजा राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों की सैलरी में कैंची चलाने का फैसला किया है और इस पैसे से सरकार कोविड कोष बनाएगी।  राज्य सरकार ने तय किया है कि इस महीने(सितंबर 2020) से सभी सरकारी कर्मचारियों के एक दिन से लेकर सात दिन का वेतन काटा जा एगा और इसका पैसा संसाधन को जुटाने में किया जाएगा।  

राज्य सरकार के इस फैसले के तहत सभी मंत्री, विधायक, अखिल भारतीय राज्य सेवा के अफसर ,अधीनस्थ सेवा के अधिकारी और राज्य सरकार के सभी अफसर और कर्मचारी शामिल होंगे। वहीं  मुख्यमंत्री, मंत्री और राज्यमंत्री काहर महीने सात दिन का वेतन काटा जाएगा जबकि अखिल भारतीय सेवा और राज्य सेवा के अफसर यानी आईएस और आरएएस अफसरों का 2 दिनों का वेतन कटेगा जबकि बाकी सभी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन हर महीने कटेगा।