चुनाव के दौरान रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। लेकिन वह भी महज तीन महीने के लिए। ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव में पानी की तरह पैसा बहेगा।
नई दिल्ली।
देश में होने वाला लोकसभा चुनाव इतिहास का अब तक का सबसे महंगा चुनाव होगा। इस चुनाव में करीब 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद की जा रही है। यही नहीं चुनाव के दौरान रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। लेकिन वह भी महज तीन महीने के लिए। ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव में पानी की तरह पैसा बहेगा।
लोकसभा में चुनावी खर्च की बात करें तो इस बार का चुनाव अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा। इस बार देश में चुनावी खर्च 2016 में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हुए खर्च को पीछे छोड़ देगा। जानकारी के मुताबिक इस बार खर्च डिजिटल मीडिया में ज्यादा खर्च किया जाएगा। क्योंकि पिछले पांच साल में डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। बैनर होल्डिंग पोस्टर का ज्यादा हिस्सा डिजिटल प्लेटफार्म में जाएगा।
दो दिन पहले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हुई है। चुनाव आयोग ने चुनाव में खर्च की सीमा भी 70 लाख रुपए तय कर दी है। लेकिन चुनाव में खर्च आयोग की तय सीमा से कई गुना ज्यादा खर्च होता है। आंकड़ों के मुताबिक 1996 में लोकसभा चुनावों में 2500 करोड़ रुपए खर्च हुए थे और 2009 में यह रकम बढ़कर 10,000 करोड़ रुपए हो गई। इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यह खर्च करीब साढ़े तीन गुना ज्यादा बढ़ गया और बढ़कर 35,547 करोड़ रुपए हो गया। इस बार इस खर्च में करीब डेढ़ गुना ज्यादा वृद्धि होने की बात कही जा रही है।
क्योंकि चुनाव आयोग की चुनाव में कड़ी नजर रहती है और सोशल मीडिया के इस दौर में प्रत्याशी नियमों को ज्यादा उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। लिहाजा पिछले चुनाव की तुलना में कम वृद्धि होगी। इस बार लोकसभा चुनाव में करीब 50 हजार करोड़ रुपए तक खर्च आ सकता है। जो चुनाव के इतिहास में सबसे ज्यादा चुनावी खर्च होगा। गौरतलब है कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और कांग्रेस चुनावों में 46,211 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। लिहाजा इस बार भारत में लोकसभा का चुनावी खर्च एक इतिहास बन जाएगा।
Last Updated Mar 12, 2019, 12:56 PM IST