नई दिल्ली: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी विभाग(काउंटर टेररिस्ट डिपार्टमेन्ट) ने गिरफ्तार कर लिया है। सईद आतंकवादियों के लिए पैसा जुटाने के एक मामले में आतंकवाद विरोधी अदालत में पेशी के लिए लाहौर से गुजरांवाला आया था। जहां उसे गिरफ्तार करके एक एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। 

वैश्विक आतंकवादी है हाफिज सईद

हाफिज सईद को अमेरिका ने दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में डाल रखा है। साल 2012 में ही अमेरिका ने उसके सिर पर एक करोड़ डॉलर के भारी भरकम ईनाम का ऐलान किया था।  लेकिन वही हाफिज सईद अभी तक पाकिस्तान में खुलेआम घूमता हुआ दिखाई देता था। जबकि उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी ग्लोबल टेररिस्ट(वैश्विक आतंकवादी) घोषित कर रखा है। 
हाल ही में पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने सईद को मदरसे के लिए दी गई जमीन के अवैध इस्तेमाल के मामले में 3 अगस्त तक की अग्रिम जमानत दे दी थी। 

क्यों हुई हाफिज सईद की गिरफ्तारी

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बदहाल हो गई है। भारत की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बादी की कगार पर पहुंचती जा रही है। 
इसीलिए आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान दुनिया को भ्रम में रखने के लिए भी यह कार्रवाई कर रहा है। दरअसल, पाकिस्तान को फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट होने का डर सता रहा है। जहां पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने या नहीं देने पर चर्चा चल रही है। एफएटीएफ ने अपनी जांच में पाया कि पाकिस्तान में आतंकियों को अपनी हरकतों के लिए पूरी छूट मिली हुई है। जिसके बाद पाकिस्तान अपने यहां मौजूद आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो गया है।

यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव का ही असर है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने जमात उद दावा और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों और आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए पैसे जुटाने के लिए ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू की है। 

पाकिस्तान में हाफिज सईद को मिलती थी हर तरह की मदद

पाकिस्तान में हाफिज सईद का इतना प्रभाव है कि उसे तथा उसके सहयोगियों हाफिज मसूद, अमीर हमजा और मलिक जफर को लाहौर में आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर तीन अगस्त तक अंतरिम जमानत दे दी थी। जबकि पाकिस्तान के आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) ने लाहौर में अवैध तरीके से एक भूखंड हड़पने और उस पर मदरसा बनाने के लिए सईद और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। 
इसके बावजूद पाकिस्तान की अदालत ने पंजाब पुलिस के सीटीडी को सईद और उसके तीन सहयोगियों को तीन अगस्त तक मामले में गिरफ्तार करने से रोक दिया। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक जमात उद दावा 300 मदरसे और स्कूलों, अस्पतालों, एक प्रकाशन गृह और एंबुलेंस सर्विस का संचालन करता है।  पंजाब सरकार ने इस साल मार्च के महीने में जेयूडी और उसकी चैरिटी संस्था ‘फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन' (एफआईएएफ) से जुड़े 160 मदरसों, 32 स्कूलों, दो कॉलेजों, चार अस्पतालों, 178 एंबुलेंस और 153 चिकित्सालयों पर रोक लगा दी थी।  

हाफिज की गिरफ्तारी भारत के लिए है अहम

हाफिज सईद ने ही 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रची थी, जिसमें 166 भारतीयों की मौत हुई थी। इस मामले में भारत ने हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान को कई सबूत दिए, लेकिन वह हाफिज पर ठोस कार्रवाई की जगह दिखावा ही करता रहा है। लेकिन अब भारतीय कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान को हाफिज की गिरफ्तारी के लिए मजबूर होना पड़ा है। 

पाकिस्तान की नीति का अहम हिस्सा रहा है आतंकवाद

पाकिस्तान ने हाफिज जैसे सैकड़ों खूंखार आतंकवादियों के लिए खुला अभ्यारण्य रहा है। पाकिस्तान ने अपने यहां पाले गए आतंकवादियों को भारत, ईरान, अफगानिस्तान आदि पड़ोसी देशों के खिलाफ जमकर इस्तेमाल किया। अब पूरी दुनिया इस मसले पर पाकिस्तान को घेरने लगी तो वह खुद को पाक साफ साबित करने की कोशिश में जुट गया। हालांकि इन आतंकवादियों को पाकिस्तानी आर्मी और उसकी बदनाम खुफिया संस्था आईएसआई पूरा समर्थन अब भी हासिल है।