सूत्रों के मुताबिक, 40 सदस्यीय विधानसभा में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। नए मुख्यमंत्री का शपथग्रहण आज ही हो सकता है। मनोहर पर्रिकर के निधन से गोवा में गहराया है सियासी संकट।

मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा में गहराए सियासी संकट को थामने के लिए भाजपा युवा और संघ से जुड़े चेहरे पर दाव लगाने जा रही है। सूत्रों के अनुसार गोवा विधानसभा के अध्यक्ष प्रमोद सावंत राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। 40 सदस्यीय विधानसभा में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। नए मुख्यमंत्री का शपथग्रहण आज ही हो सकता है। 

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रमोद सावंत को राज्य का अगला सीएम बनाने का पक्षधर है। इसी प्रस्ताव के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार देर रात सहयोगी दलों और अन्य विधायकों के साथ बैठक की थी। लेकिन विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाले नौ विधायकों ने सावंत के नाम पर असहमति जताई है। दरअसल, उनके हिंदूवादी विचारों को लेकर सहयोगी दलों में ऐतराज है। सावंत गोवा के एकमात्र भाजपा विधायक हैं, जो संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। पिछले साल अक्टूबर में वह सरसंघ चालक मोहन भागवत से भी मिले थे।

मनोहर पर्रिकर के अंतिम संस्कार के ठीक बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और गोवा भाजपा के सभी विधायक पणजी के एक होटल में मीटिंग के लिए पहुंचे। इसके बाद नए सीएम के नाम का औपचारिक ऐलान हो सकता है। इससे पहले, विधानसभा उपाध्यक्ष माइकल लोबो ने दोपहर में कहा कि जल्द ही गठबंधन सहयोगियों को भरोसे में लेने के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। 

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उधर, गोवा भाजपा के प्रमुख विनय तेंडुलकर ने सावंत को अगला सीएम बनाए जाने की खबरों पर कहा है कि अभी कुछ भी पक्का नहीं हुआ है। खुद की दावेदारी पेश करते हुए तेंडुलकर ने कहा, 'ऐसे मेरा भी नाम आ रहा है, सबका नाम आ रहा है। ऐसे तो नाम आते रहेंगे। अभी विधायक बैठेंगे और फैसला करेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री का नाम आज ही पक्का हो जाएगा।' 

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2017 को गोवा विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तेजी और मनोहर पर्रिकर के चेहरे की बदौलत भाजपा राज्य में सरकार बनाने में कामयाब हो गई। मनोहर पर्रिकर तब रक्षा मंत्री थे, लेकिन छोटे दलों ने उन्हें सीएम बनाने की शर्त पर भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया था। 

इससे पहले, कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में सभी 14 कांग्रेसी विधायक राज भवन गए और सिन्हा को यह कहते हुए एक पत्र सौंपा कि उनकी पार्टी विधानसभा में सबसे बड़ा दल है और उन्हें सरकार बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। कांग्रेस राज्य में अभी सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं राज्य में भाजपा के पास 12 विधायक हैं। उसे तीन निर्दलीयों के अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन और महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के तीन विधायकों का समर्थन हासिल है। खास बात यह है कि भाजपा की सरकार में शामिल दलों ने पर्रिकर के नाम पर ही समर्थन दिया था। राज्य विधानसभी की चार सीटें अभी खाली हैं और विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 19 है।