फिलहाल शिअद पंजाब में 2022 को होने वाले विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। क्योंकि दोनों के बीच काफी पुराना गठबंधन है। वहीं शिअद ने केन्द्र की भाजपा सरकार को समर्थन दिया है और लोकसभा चुनाव भी शिअद भाजपा के साथ मिलकर लड़े थे। शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि दोनों दल राज्य में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे।
नई दिल्ली। नागरिकता संसोधन कानून को लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार से नाराज चल रहे शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को अच्छी खबर दी है। शिअद ने ऐलान किया है कि वह 2022 का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। जबकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में शिअद ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब शिअद भाजपा को समर्थन करेगी। क्योकि पार्टी का एक गुट भाजपा को समर्थन देने की वकालत कर रहा है।
फिलहाल शिअद पंजाब में 2022 को होने वाले विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। क्योंकि दोनों के बीच काफी पुराना गठबंधन है। वहीं शिअद ने केन्द्र की भाजपा सरकार को समर्थन दिया है और लोकसभा चुनाव भी शिअद भाजपा के साथ मिलकर लड़े थे। शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि दोनों दल राज्य में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में उनकी पार्टी का भाजपा के साथ गठजोड़ बना रहेगा। दोनों दलों में अनबन की खबरें पिछले बीस दिनों से आ रही हैं। लेकिन ऐसी खबरें मीडिया में ही हैं। बादल ने कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने मुफ्त स्मार्टफोन देने का वादा किया था लेकिन अभी तक सरकार वादे को पूरा नहीं कर सकी है।
उन्होंने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को वह दो साल बाद राज्य से बाहर कर देंगे। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और शिअद के बीच चुनावी समझौता नहीं हो सका था। क्योंकि शिअद राज्य में ज्याादा सीटें चाह रहा था जबकि भाजपा उसे चार सीटें देने के लिए तैयार थी। वहीं हरियाणा में भी शिअद ने भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं नागरिकता कानून को लेकर शिअद की भाजपा के साथ नाराजगी खत्म हो रही है। पार्टी इस कानून में मुस्लिमों को भी शामिल करने का दबाव बना रहा है।
Last Updated Jan 27, 2020, 7:07 PM IST