रांची। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को सरकार न बना पाने का बड़ा झटका लगा है। हालांकि ये झटका उसके सहयोगी शिवसेना के लिए भी है। लेकिन इसी बीच पार्टी के लिए झारखंड से अच्छी खबर आई है। यहां पर विपक्षी दलों का बना गठबंधन टूट की कगार पर है। महागठबंधन के दो बड़े दल राजद और हम ने महागठबंधन से दूरी बनाई है। जहां हम के नेता जीतन राम मांझी ने साफ किया है कि वह राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी वहीं सीटों के बंटवारे से नाराज राजद नेता तेजस्वी यादव ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में हिस्सा नहीं लिया है।

असल में बिहार के बाद झारखंड में विपक्षी दलों की एकता टूट गई है। बिहार में लोकसभा चुनाव के बाद सभी विपक्षी दलों का बनाया गया महागठबंधन टूट गया था। क्योंकि इस महागठबंधन को राज्य में महज एक सीट मिली थी। जबकि राज्य में हुए उपचुनाव में कांग्रेस और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें पांच सीटों में दो सीटें राजद के खाते में आई। वहीं हम और रालोसपा और मुकेश साहनी की पार्टी ने कांग्रेस और राजद के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वहीं अब झारखंड में भी विपक्षी दलों का महागठबंधन टूट गया है।

हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने साफ कर दिया है कि वह झारखंड में अकेले चुनाव लड़ेंगे। वहीं राज्य में दो बड़े दल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राजद को महज सात सीटें दी हैं। जिसको लेकर राजद नाराज है। लिहाजा आज विपक्षी दलों की बैठक से राजद नेता तेजस्वी यादव ने दूरी बनाकर रखी थी। जिसके बाद बाद कांग्रेस नेता और झामुमो नेता ने पत्रकारवार्ता की। गौरतलब है कि राज्य की 81 सीटों में से जेएमएम 43 और कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

जबकि इन दोनों दलों ने राजद को सात सीटें दी हैं। वहीं कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने ऐलान किया कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन चुनाव को लडे़गा और वही मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे। झारखंड में 81 सीटों वाली विधानसभा के लिए 30 नवंबर से 5 चरणों में चुनाव होने हैं। राज्य में पांच चरणों में मतदान होंगे क्योंकि राज्य नक्सल प्रभावित है। झारखंड विधानसभा का मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है।