नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में देश में सूखे मेवों की कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में कोरोना संकट के बाद लॉकडाउन के बाद से मेवों के दाम गिरने शुरु हो गए। असल में इसकी सबसे बड़ी वजह बाजार में मेवों की मांग न होना है। हालांकि कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए चिकित्सकों ने भी मेवों को खाने की सलाह दी थी।  लेकिन आर्थिक तंगी के कारण लोग मेवों से दूर हैं।  वहीं बाजार में मिठाई की कम मांग होने के कारण गोदामों में माल भरा होने की वजह से यह रेट गिरे हैं। हर  साल त्योहारों में मेंवों की कीमतों में इजाफा हो जाता है।  लेकिन इस बार मेवों की मांग में गिरावट देखने को मिल रही है।

फिलहाल बाजार में मेवों की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। बाजार में खरीदार न होने के कारण बाज़ार में काजू-बादाम के दाम रोज कम हो रहे हैं। बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में ताजे मेवे बाजार में आ सकते हैं। लिहाजा पुराने माल का गोदामों से खत्म न होने के कारण इनकी कीमतों में गिरावट आ रही है। देश में पिछले 10 दिन के अंदर एक बार फिर मेवा के दाम कम हुए हैं।अमेरिकन बादाम अपने निचले स्तर पर आ गया है। क्योंकि बाजार में खरीदार नहीं है। वहीं कारोबारियों का कहना है कि वह सस्ते मूल्य में मेवों को बेच रहे हैं।

देश में कोरोना के मामले सामने आने के बाद शुरू हुए लॉकडाउन से पहले मेवा 20 फीसदी तक महंगी हो गई थी। क्योंकि उस वक्त पुराना माल खत्म हो रहा था। लेकिन अब बाजार में नई फसल का माल आने की तैयारी है। लिहाजा लॉकडाउन के बाद से मेवा के दाम गिरने शुरु हो गए। वहीं बाजार में ग्राहक न होने और गोदामों में माल भरा होने के कारण मेवों की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है।  फिलहाल बाजार में 900 किलोग्राम की कीमत पर बिकने वाला अमेरिकन बादाम 660 रुपये किलो के स्तर पर पहुंच गया है।

वहीं अब बाजार में इसकी मौजूदा कीमत 520 से 580 रुपये किलो के बीच पहुंच गई है।  जबकि काजू की कीमत 660 से 710 रुपये प्रति किलो और किशमिश की कीमत 200 से 230 रुपये तक पहुंच गई है।   हालांकि अखरोट और पिस्ता की कीमतों में ज्यादा गिरावट  नहीं आई है।