नई दिल्ली। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किसानों के लिए को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बैंक से लिए गए कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में किसानों की पांच एकड़ जमीन जब्त नहीं की जाएगी इसके लिए राज्य सरकार 31 अक्टूबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में किसानों से जुड़े बिल को पेश करेगी और इसमें मंजूरी मिल जाने के बाद इसके लिए अध्यादेश जारी करेगी।

हालांकि इससे पहले पंजाब सरकार ने कर्ज न चुकाने पाने की स्थिति में ढाई एकड़ जमीन को जब्त न किए जाने का फैसला किया था। लिहाजा इसी तरह का फैसला राजस्थान सरकार करने जा रही है।  इसके लिए अशोक गहलोत सरकार केंद्र सरकार के तीन किसान संबंधी कानूनों को रद्द करने के लिए बिल लाने जा रही है  और राज्य सरकार का कहना है कि किसानों के हक को बचाने और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए, राजस्थान सरकार नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 60 (1) में एक संशोधन लाएगी। वहीं राज्य सरकार ने किसानों को राहत देते हुए पांच एकड़ जमीन को नॉन-अटैचेबल कैटेगरी में रखा है।

राज्य सरकार का कहना है कि कर्ज न चुका पाने  की स्थिति में किसान की पांच एकड़ तक की खेतिहर जमीन को अटैच नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार बिल को आगामी विधानसभा सत्र में पेश करेगी। वहीं राज्य सरकार राज्य में निजी कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की अनुमति देगी जैसे कि केंद्रीय कानून में है। लेकिन कंपनियों को उत्पाद की खरीदारी किसानों से एमएसपी के हिसाब से ही करनी होगी। एमएसपी से कम भुगतान करने वालों पर दंडात्मक प्रावधान होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने फैसला किया है केन्द्रीय कानूनों में बदलाव कर उसे राज्य में लागू किया जाएगा।