नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की आशंका का नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि अमेरिका अब शांति की बात कर रहा है। लेकिन ईरान किसी भी हाल में अब पीछे नहीं हटने वाला है। क्योंकि उसने साफ कर दिया ह कि वह अमेरिकी हमले में मारे गए कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेगा। हालांकि इसी बीच भारत के लिए राहत की खबर है। क्योंकि ईरान ने कहा कि पारस की खाड़ी में बन रहे चाबाहार पोर्ट के लिए भारत को घबराने की जरूरत नहीं है।

असल में भारत और ईरान मिलकर चाबाहार पोर्ट का निर्माण कर रहे हैं। जिसके कारण दोनों देशों आर्थिक तौर पर फायदा होगा। चाबाहार पोर्ट में भारत का बड़ा निवेश है। लिहाजा अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए भारत ने अपनी परेशानी जाहिर की थी। लिहाजा अब ईरान ने साफ किया है कि भारत को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि भारत और ईरान के रिश्ते मजबूत हैं। ईरान ने कहा कि अगर भारत की तरफ से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को कम करने के लिए किसी भी तरह का प्रयास होता है तो उसका स्वागत है।

भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने यह भी कहा है
 चाबाहार पोर्ट के लिए भारत को घबराने की जरूरत नहीं है और इस प्रोजेक्ट में अमेरिका और ईरान के बीच हालिया रिश्तों का कोई असर नहीं होगा और ये प्रोजेक्ट चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि चाबाहार पोर्ट भारत, ईरान, अफगानिस्तान, यूरोप और और पूरी गल्फ खाड़ी की मित्रता का प्रतीक है ऐसे में यह प्रोजेक्ट चलता रहेगा। ईरानी राजदूत ने कहा कि ईरान युद्ध के पक्ष में नहीं है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद के पास ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था।

जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। वहीं ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की बात कही थी। जिसके बाद उसने मंगलवार को बगदाद स्थिति अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाकर राकेट से हमले किए। हालांकि इसम  ईरान को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ से बातचीत की।