नई दिल्ली। देश में कोरोना के हाहाकार  के बीच रूस में निर्मित कोरोना का टीका देश में सबसे पहले टीकाकरण के लिए आमलोगों को उलपब्ध होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि भारत में भी दो टीके तीसरे चरण के परीक्षण में हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का टीका भारत में तीसरे चरण में काम कर रहा है। लेकिन रूस में टीका बन जाने के कारण भारत सरकार की रूस सरकार से इसको लेकर बातचीत चल रही है।

देश में कोरोना के मामलों में फिलहाल कमी नहीं आई है और देश में कोरोना संक्रमण के मामले दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। वहीं  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ऐलान किया था कि अगले  साल जुलाई तक  देश के करीब 25 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगा दिया जाएगा। इसके लिए रूस में बने टीकों का भारत में टीका करण करने की उम्मीद है और रूस की सरकार से टीकाकरण के लिए टीके उपलब्ध कराने जा रही है। इसके लिए योजना आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पाल की अध्यक्षता में बनी एक समिति टीके की  उपलब्धता को देख रही है और रूस सरकार से बातचीत चल रही है।

वहीं जानकारीों का कहना है कि रूस का टीका तैयार हो चुका है। वहीं सरकार रूस में बने टीकों का परीक्षण भारत में चाहे तो करे या फिर बिना करे भी उनके इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है। माना जा रहा है कि भारत को टीका देने के लिए रूस से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद भारत का इस  दिशा में पहल रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि  रूस से टीके की खुराकें ली जा सकती है। या फिर रूस को भारत को तकनीक दे दे और भारत सरकार टीका निर्माता कंपनियों से देश की जरूरत के मुताबिक टीका बनाए।