नई दिल्ली।  भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए वेंटिलेटर और सैनिटाइज़र के निर्यात पर प्रतिबंधित लगा दिया है।इसके लिए केन्द्र सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। हालांकि इस मामले को कुछ दिन पहले कांग्रेस ने उठाया था और केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसके कारण देश में सेनिटाइजर और मास्क की कमी हो रही है और केन्द्र सरकार निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है।

केंद्र सरकार ने आज देशभर में कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या और सेनिटाइजर की कमी को देखते हुए वेंटिलेटर, आईसीयू उपकरण और सैनिटाइजर के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। वाणिज्य मंत्रालय ने वेंटिलेटर और सैनिटाइज़र के निर्यात को प्रतिबंधित करने वाला एक आदेश जारी किया।

इससे पहले 19 मार्च को सरकार ने मास्क बनाने में उपयोग किए जाने वाले उत्पाद,सभी सर्जिकल डिस्पोजेबल मास्क और कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। सोमवार को ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि कोरोनोवायरस प्रकोप के बीच वेंटिलेटर जैसे जीवन रक्षक उपकरणों के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।

राहुल गांधी ने कहा था कि भारत सरकार ने 19 मार्च तक इन सभी चीज़ों के निर्यात की अनुमति क्यों दी, वेंटिलेटर और सर्जिकल मास्क का पर्याप्त स्टॉक रखने के लिए डब्लूएचओ ने सलाह दी थी। इसके विपरीत मोदी सरकार ने निर्यात की अनुमति दी। राहुल गांधी ने सवाल उठाया था कि कहीं ये आपराधिक साजिश तो नहीं है। राहुल गांधी ने दावा किया गया था कि भारत में डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के बावजूद स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों का भंडार नहीं है। हालांकि कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा था कि इसके लिए निर्णय 31 जनवरी को लिया गया था।