नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने प्याज की आसमान छू रही कीमतों को कम करने के लिए एक अहम फैसला किया है। लेकिन अभी साफ नहीं है कि इससे प्याज की कीमतों में कोई  गिरावट आएगी। केन्द्र सरकार ने प्याज के लिए स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है। अब थोक व्यापारी के लिए 25 और खुदरा व्यापारी के लिए प्याज स्टाक की सीमा 5 मैट्रिक टन की गई है।

देश में प्याज की कीमत आसमान छू रही हैं। प्याज की कीमत कोलकाता  में 140 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। सब्जी की थालियों से प्याज गायब हो गया है। जहां पर प्याज का सलाद दिया जाता था वहां पर अब प्याज दिया जाना बंद हो गया है। या फिर अन्य विकल्प दिए जा रहे हैं। कई रेस्टोरेंट में तो प्याज का दोसा भी बंद हो गया है। प्याज की कीमत को लेकर सड़क में जनता तो संसद में सांसदों ने हंगामा काटा है। लेकिन सरकार को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। हालांकि सरकार ने प्याज की कीमतों में लगाम लगाने के लिए तुर्की और मिस्र से प्याज का आयात करने का फैसला किया है।

लेकिन सरकार भी  मान रही है कि आयातित प्याज आने में अभी समय लगेगा। लिहाजा फौरी तौर पर राहत के लिए प्याज की लिमिट में बदलाव किया है। क्योंकि प्याज की बढ़ती  कीमतों को देखते हुए जमाखोरी हो रही है। हालांकि अभी तक सरकार द्वारा व्यापारियों में छापे नहीं डाले गए हैं। लेकिन इसके जरिए सरकार जमाखोरी करने वाले वालों पर लगाम लगाना चाहती है। हालांकि सरकार द्वारा प्याज आयातकों को आयातित प्याज के लिए इन स्टॉक लिमिट से छूट दी गई है।

कैबिनेट सेक्रटरी कर चुके हैं बैठक
केन्द्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए राज्यों के सचिवों से बैठक कर चुके हैं। उन्होंने प्याज पैदा करने वाले राज्यों के मुख्य सचिवों ने विडियो कान्फ्रेंसिंग बैठक की और इस दिशा में कार्यवाही करने को कहा है। हालांकि राज्यों का कहना है कि प्याज की कमी के कारण उसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है।