केन्द्र सरकार का डीजल गाड़ियों के लिए किया जाने वाला फैसला अप्रैल 2020 में लागू कर दिया जाएगा, तो देश की ज्यादातर डीजल गाड़ियां कबाड़ हो सकती है। असल में अगर आपकी गाड़ी अगर पुरानी है तो नए नियमों के मुताबिक उसे बीएस-6 में बदलने में ही इतने रुपये लग जाएंगे कि उतने पैसे में थोड़ा पैसा बढ़ाकर आप नई पेट्रोल गाड़ी खरीद लेंगे। हालांकि उस वक्त आपके पास पेट्रोल गाड़ी भी एक विकल्प हो सकता है। जिसमें आपको मौजूदा पेट्रोल गाड़ी की तुलना में 30 फीसदी तक ज्यादा माइलेज मिल सकता है।
2020 में डीजल गाड़ियों की कीमतें 2.5 लाख तक बढ़ सकती हैं
अगर केन्द्र सरकार का डीजल गाड़ियों के लिए किया जाने वाला फैसला अप्रैल 2020 में लागू कर दिया जाएगा, तो देश की ज्यादातर डीजल गाड़ियां कबाड़ हो सकती है। असल में अगर आपकी गाड़ी अगर पुरानी है तो नए नियमों के मुताबिक उसे बीएस-6 में बदलने में ही इतने रुपये लग जाएंगे कि उतने पैसे में थोड़ा पैसा बढ़ाकर आप नई पेट्रोल गाड़ी खरीद लेंगे। हालांकि उस वक्त आपके पास पेट्रोल गाड़ी भी एक विकल्प हो सकता है। जिसमें आपको मौजूदा पेट्रोल गाड़ी की तुलना में 30 फीसदी तक ज्यादा माइलेज मिल सकता है।
असल में केन्द्र सरकार देश में 1 अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 नियमों का पालन करने वाली गाड़ियों को मंजूरी देने पर विचार कर रही है। वहीं अगर आपकी डीजल गाड़ी पुरानी है उसे आपको बीएस-6 में बदलना होगा। जिसको बदलने में आपको काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा। अगर आप नई डीजल गाड़ी लेने की भी सोच रहे हैं तो आपको इसके लिए पेट्रोल गाड़ी की तुलना में 2.5 लाख रुपये खर्च करने होंगे। क्योंकि नई गाड़ी बीएस-6 के नियमों के तहत ही होगी। दरअसल, डीजल गाड़ियों को बीएस-6 में बदलना पेट्रोल के मुकाबला ज्यादा महंगा है। लिहाजा ज्यादातर डीजल गाड़ियां कबाड़ होने के कगार पर पहुंच जाएंगी।
जाहिर है ऐसे में अगर किसी ने 2020 से पहले गाड़ी खरीदी है तो उसे बीएस-6 में बदलना ही होगा। बाजार के जानकारों का कहना है कि बीएस-6 आने पर मारुति की डीजल कारों की कीमत पेट्रोल की तुलना में 2.5 लाख बढ़ जाएगी। असल में अभी कंपनियां पेट्रोल गाड़ियों का माइलेज बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। जबकि डीजल की कीमतें कम होने के कारण लोग डीजल गाड़ियों को वरीयता देते हैं। मौजूदा समय में ज्यादा कंपनी अपनी पेट्रोल गाड़ियों में हाइब्रिड सिस्टम लाने की दिशा में काम कर रही हैं। अगर ये सिस्टम लागू होता है तो पेट्रोल गाड़ियों का माइलेज 30 पर्सेंट तक बढ़ जाएगा। ऐसे में अगर सरकार की ओर से हाइब्रिड गाड़ियों को टैक्स में छूट मिलती है तो न सिर्फ पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों की कीमतों में अंतर कम होगा।
बल्कि अभी जो उनके माइलेज में अंतर है वो भी बराबर हो जाएगा। बहरहाल बाजार में पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों में अंतर तेजी से कम हो रहा है। वर्तमान में डीजल गाड़ियों की कीमतें पेट्रोल के मुकाबले करीब 80 हजार से 1.5 लाख ज्यादा हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार इलेक्ट्रिक कारों की दिशा में तेजी से काम कर रही है। छोटी इलेक्ट्रिक कारों का बाजार भी बढ़ रहा है। ये डीजल और पेट्रोल गाड़ियों की तुलना में थोड़ी मंहगी हैं लेकिन दूसरी तरफ देंखें तो इससे पर्यावरण के फायदे के साथ ही पैसे की बचत भी होगी।
Last Updated Dec 20, 2018, 3:27 PM IST