कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार और गर्वनर के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। राज्यपाल ने नागरिकता संशोधन कानून पर राज्य में कानून व्यवस्था की बैठक हुई, लेकिन दोनों आला अफसर गायब रहे। राज्य में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा है और प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति और आम आदमी को निशाना बना रहे हैं। लिहाजा इसके लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बैठक बुलाई थी।

इस बार में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य में नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों की मौजूदा स्थिति के लिए बुलाई गई बैठक से राज्यके मुख्य सचिव, डीजीपी गायब रहे। इन दोनों जिम्मेदार अफसरों ने कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति से उन्हें अवगत नहीं कराया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने दोनों अफसरों राज्य के हालत की जानकारी देने के आने को कहा था लेकिन दोनों अफसर नहीं आए। राज्यपाल ने कहा कि इन दोनों अफसरों का ये बर्ताव स्वीकार्य नहीं है और ऐसी हरकत निश्चित रूप से स्वीकार्य नहीं है।

राज्य में पिछले कई महीनों से राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच में खाई और ज्यादा गहरी होती जा रही है। पिछले दिनों एक सम्मेलन में राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। राज्यपाल हाथ जोड़ते हुए आगे निकल गए जबकि राज्य की सीएम हाथ बांधे खड़ी रही। पिछले दिनों ही राज्य के विधानसभा के अध्यक्ष ने राज्यपाल को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया। लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने इस कार्यक्रम को टाल दिया और देर में राज्यपाल के कार्यालय में दी।

यही नही राज्यपाल के लिए विधानसभा के गेट नहीं खोले गए। जबकि राज्यपाल एक गेट से दूसरे गेट में भागते रहे। राज्यपाल ने जब एक सरकारी कार्यक्रम में जाने के लिए विमान मांगा तो राज्य सरकार ने कहा कि सरकारी विमान का दुरूपयोग नहीं किया जाना चाहिए। लिहाजा दो बार राज्यपाल को सरकार विमान देने से मना कर दिया।