नई दिल्ली। बीते महीनों आपने टमाटर की आसमान छूती कीमतें देखी होंगी। बड़ी मुश्किल के बाद उससे फुर्सत मिली है, अब टमाटर के दाम धीरे धीरे सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच प्याज की कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ानी शुरु कर दी है। प्याज की कीमतों का हाल भी टमाटर की तरह न हो जाए। इससे बचाव के लिए सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। ताकि प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाया जा सके और घरेलू बाजार में प्याज की आपूर्ति में सुधार हो। वित्त मंत्रालय की तरफ से इस सिलसिले में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। उसके मुताबिक, 31 दिसम्बर 2023 तक प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट शुल्क लगाया गया है।

31 दिसम्बर 2023 तक जारी रहेगा फैसला

दरअसल, सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उठाया है और इसी वजह से तत्काल प्रभाव से प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया। सरकार का यह फैसला पूरे साल जारी रहेगा। इधर, देखा जा रहा था कि प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही थीं। दावा किया जा रहा था कि सितम्बर महीने में प्याज की कीमतें आसमान छू सकती हैं।

प्याज की बढ़ती कीमतों के लिए बाढ़ और भारी वर्षा भी जिम्मेदार

अब प्याज की कीमत 50 से 60 रुपये तक रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके पहले सरकार ने कुछ खास क्षेत्रों में अपने बफर स्टॉक से मार्केट में प्याज उतारने का ऐलान किया था। ताकि प्याज की कीमतों पर कंट्रोल किया जा सके। दरअसल, प्याज की बढ़ती कीमत के लिए बाढ़ और भारी वर्षा भी प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। इसकी वजह से अन्य सब्जियों की कीमत भी बढ़ती है। 

खुदरा मुद्रास्फीति की दर में देखी जा रही थी बढ़त

आपको बता दें कि सब्जियों और अनाज के दामों में बढ़ोत्तरी की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति की दर में बढ़त देखी जा रही थी। जुलाई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.44 फीसदी तक पहुंच गई। बढ़ती कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
 

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