लखनऊ। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने साफ किया है कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,000 टन सोने के भंडार की कोई खोज नहीं की गई है। इसके साथ ही जीएसआई ने कहा कि सोनभद्र में सोने के लिए के लिए किसी भी तरह का सर्वे नहीं हुआ है। जिसमें ये पता चल सके कि वहां पर सोने की खदान है। एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश खनन विभाग के जिला खनन अधिकारी ने दावा किया था कि सोनभद्र में भारत में मौजूदा सोने के भंडार की तुलना में पांच गुना ज्यादा सोना उपलब्ध है।

फिलहाल भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने आज उत्तर प्रदेश में मिलने वाले सोने को लेकर बड़ा बयान दिया है। जीएसआई ने कहा है उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जीएसआई ने किसी भी तरह का सर्वे नहीं किया है। जिसमें ये सामने आया हो कि वहां पर लगभग 3,000 टन सोने के भंडार है। उन्होंने कहा कि वहीं पर सोने की खोज नहीं की गई है। जैसा कि उत्तर प्रदेश के खनन विभाग के अफसर दावे कर रहे हैं। जीएसआई के महानिदेशक (डीजी) एम.श्रीधर ने मीडिया को बताया कि जीएसआई ने किसी भी तरह का सर्वे वहां पर नहीं किया गया है।

जिसकी खबरें मीडिया में आ रही हैं। न ही किसी तरह के आंकड़ें किसी संस्थान या सरकार को बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि सोनभद्र जिले में जीएसआई ने इस तरह के सोने के भंडार के लिए किसी तरह का अनुमान नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि जीएसआई ने 1998-99 और 1999-2000 में उत्तरी क्षेत्र में काम किया था और इसकी रिपोर्ट यूपी सरकार के साथ साझा की थी। जीएसआई अपने सर्वे के लिए संतोष्ट नहीं थी।

गौरतबल है कि शुक्रवार को ही सोनभद्र के जिला खनन अधिकारी के. के. राय ने दावा किया था कि जिले की सोन पहाड़ी और हरदी इलाके में सोने का भंडार पाया गया था। जिला खनन अधिकारी का दावा था कि सोन पहाड़ी में लगभग 2,943.26 टन है, जबकि हरदी ब्लॉक 646.16 किलोग्राम सोना है।