जीएसटी कलेक्शन के आए आंकड़ों में मई महीने के दौरान एक बार फिर कुल कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के स्तर के पार रहा है। जबकि पिछले साल मई महीने के दौरान जीएसटी के मद में महज 94,016 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।
अपने पहले कार्यकाल में जीएसटी लागू करने वाली मोदी सरकार को देश के इस सबसे बड़े आर्थिक सुधार से बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन 2016 में लागू होने के बाद इन उम्मीदों पर जीएसटी को खरा उतरना देखने का इंतजार लंबा होता रहा क्योंकि इस पैमाने के सुधारों को लागू करने की शुरुआती अड़चने परेशानी का बनने लगी। अब जीएसटी के कर आंकड़ों ने पुख्ता संकेत देना शुरू कर दिया है कि वह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में न सिर्फ गेमचेंजर साबित होगा बल्कि उन सभी उम्मीदों पर खरा भी उतरेगा जो सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान बांध रखी थी।
जीएसटी कलेक्शन की पहली हैट्रिक
जीएसटी कलेक्शन के आए आंकड़ों में मई महीने के दौरान एक बार फिर कुल कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के स्तर के पार रहा है। जबकि पिछले साल मई महीने के दौरान जीएसटी के मद में महज 94,016 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे। केन्द्र सरकार के जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में जीएसटी कलेक्शन 1,00,289 करोड़ रुपये रहा। वहीं अप्रैल 2019 में कुल कलेक्शन 1,13,865 करोड़ रुपये था। मार्च 2019 के दौरान केन्द्र सरकार को इस मद में कुल 1.06 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। यानी जीएसटी से हो रहा राजस्व कलेक्शन लगातार तीसरे महीने 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर के ऊपर रहा।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कलेक्शन पर कहा " मई महीने में कुल जीएसटी संग्रह 1,00,289 करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 17,811 करोड़ रुपये , राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 24,462 करोड़ रुपये , एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 49,891 करोड़ रुपये और उपकर संग्रह 8,125 करोड़ रुपये रहा।"
ऐसे में आंकड़ों से स्पष्ट है कि जीएसटी से राजस्व संग्रह अब प्रति माह 1 लाख करोड़ रुपये के दायरे में पहुंच चुका है और यह केन्द्र सरकार के लिए बड़ी राहत है क्योंकि अब उसके लिए राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो गया। लिहाजा यह भी साफ है कि धीरे-धीरे जीएसटी अपनी उन सभी उम्मीदों पर खरा उतरने लगा है जिसका दावा जीएसटी लागू करते वक्त किया गया था।
1. सबसे तेज दौड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
केन्द्र सरकार के पहले कार्यकाल में जीएसटी लागू करते वक्त पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली दावा किया थी कि इस आर्थिक सुधार के बाद अर्थव्यवस्था में 7 से 8 फीसदी की रफ्तार देखने को मिलेगी। वहीं यह भी दावा किया था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार आने की स्थिति में भारत में ग्रोथ की रफ्तार डबल डिजिट भी हो सकती है।
2. जीडीपी में दर्ज होगी उछाल
मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल के दौरान दावा किया था कि जीएसटी पटरी पर आने के बाद सबसे बड़ा फायदा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दिशा में देखने को मिलेगा। केन्द्र सरकार के मुताबिक जीएसटी से जीडीपी में अच्छी उछाल के साथ अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा।
3. फायदे में रहेंगे कारोबारी और उपभोक्ता
जीएसटी लागू होने का फायदा जहां देश में कारोबारियों को मिलता था वहीं केन्द्र सरकार को उम्मीद थी कि इसका सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। जहां कारोबारी को पूरे देश में अपना उत्पाद बेचने में एक समान टैक्स अदा करना होगा वहीं उपभोक्ता को भी देश के हर कोने में कोई भी उत्पाद समान दर पर मिलेगा और कारोबारियों को होने वाले फायदे का एक अंश भी उपभोक्ताओं को मिलेगा।
Last Updated Jun 3, 2019, 10:46 PM IST