आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं के लिए केन्द्र सरकार अच्छी खबर ला सकती है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो शनिवार का दिन उपभोक्ताओं के राहत भरा हो सकता है। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक होने जा रही है। जिसमें कई उत्पादों को 28 फीसदी के दायरे से 18 फीसदी के दायरे में लाया जाएगा। इसमें टीवी, कंप्यूटर, सीमेंट और गाडियों के टायर शामिल हैं
आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं के लिए केन्द्र सरकार अच्छी खबर ला सकती है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो शनिवार का दिन उपभोक्ताओं के राहत भरा हो सकता है। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक होने जा रही है। जिसमें कई उत्पादों को 28 फीसदी के दायरे से 18 फीसदी के दायरे में लाया जाएगा। इसमें टीवी, कंप्यूटर, सीमेंट और गाडियों के टायर शामिल हैं।
दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी को लेकर बयान दिया था। पीएम का कहना था कि कई मंहगे उत्पादों से जीएसटी को कम किया जा रहा है। ताकि जनता को राहत मिले। लिहाजा अब उपभोक्ताओं की नजर जीएसटी काउंसिल की 22 दिसंबर को होनी वाली बैठक में लगी है। लिहाजा माना जा रहा है कि इस बैठक में गाड़ियों के टायर समेत करीब आधा दर्जन सामानों पर जीएसटी की दरें कम सकती हैं। इस बैठक में आधा दर्जन सामान पर जीएसटी घटाने का फैसला लिया जा सकता है। गाड़ियों के टायर सस्ते हो सकते हैं। अभी साइकिल छोड़ सभी टायर पर 28 फीसदी लागू है।
इस बैठक में गाड़ियों के टायर पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी की जा सकती है। वहीं, ई-रिक्शा के टायर पर जीएसटी 8 फीसदी हो सकता है। इसके साथ ही एसी,सीमेंट पर भी जीएसटी की दर घट सकती है। सीमेंट पर भी जीएसटी 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो सकता है। इस बैठक में घरों पर भी जीएसटी घटाने पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा टीवी, कंप्यूटर पर भी जीएसटी घट सकता है। काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद केन्द्र सरकार इस पर फैसला लेगी। सरकार के इस फैसले से रियल स्टेट उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद है।
शनिवार को सीएसटी काउंसिल की बैठक होने जा रही है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा कुछ उत्पादों को 28 फीसदी की जीएसटी दरों से कम करना है। काउंसिल में पिछली बार भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं आया। अभी तक सीमेंट पर 28 फीसदी की जीएसटी दर है। जिसे कम करने पर विचार किया जा सकता है। अक्टूबर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई उत्पादों की 28 फीसदी की दरों से कम कर दिया गया था। अब केवल 35 वस्तुएं हैं जिन पर सबसे ऊंची रेट से टैक्स लगाया जाता है।
असल में सरकार का तर्क है कि उन्हीं वस्तुओं को 28 फीसदी की दर पर रखा जाना चाहिए जो लक्जरी श्रेणी में आती हैं। या फिर ऐसे उत्पाद जो अहितकर हैं यानी सिगरेट और धूम्रपान की वस्तुएं। जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू किया गया था उस वक्त करीब 226 वस्तुएं 28 फीसदी की श्रेणी में थी जो अब घटकर 35 रह गयी हैं। माना जा रहा है 22 दिसंबर को होने वाली काउंसिल की बैठक काफी अहम होगी। बहरहाल उच्च कर श्रेणी 35 वस्तुएं शामिल हैं। इसमें सीमेंट, वाहनों के कल-पुर्जे, टायर, वाहनों के उपकरण, मोटर वाहन, विमान, सट्टा तथा तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला जैसी अहितकर वस्तुएं शामिल हैं।
Last Updated Dec 20, 2018, 1:53 PM IST