अगर मोदी सरकार की चली तो चुनाव से पहले घर खरीदने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए घर खरीदना सस्ता हो सकता है। इसके लिए जल्द ही फैसला होने की उम्मीद की जा रही है। सरकार निर्माणाधीन मकानों पर पांच फीसदी कर सकती है और राज्यों के वित्तमंत्रियों का समूह भी इसके पक्ष में है। वहीं किफायती मकानों के लिए जीएसटी दर को तीन फीसदी करने की सिफारिश समूह कर रही है।

असल में राज्यों के वित्तमंत्रियों के समूह ने किफायती घरों पर भी जीएसटी की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। जबकि निर्माणाधीन रिहायशी मकानों पर कर को 5 फीसदी करने का सुझाव दिया है। इस समूह का गठन पिछले महीने ही किया गया है और इसकी अगुवाई गुजरात के वित्तमंत्री नितिन पटेल कर रहे हैं। समूह ने आम आदमी को घर खरीदने में राहत देने के लिए किफायती घरों पर भी जीएसटी की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करने का प्रस्‍ताव किया है।

समूह की रिपोर्ट अगले एक सप्‍ताह के भीतर तैयार हो जाएगी और इसे जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा। पहले हाउसिंग प्रॉपर्टी पर 15 से 18 प्रतिशत टैक्‍स देना होता था। जिसे कमकर 12 फीसदी किया गया और अब समूह ने इसे कम करने की सिफारिश की है। जिससे की आम लोगों को राहत मिल सके। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले घर खरीदने वालों के लिए केन्द्र सरकार बड़ी राहत दे सकती है।

असल में जीएसटी काउंसिल ने 10 जनवरी को हाउसिंग सेक्‍टर को बढ़ावा देने के लिए मंत्री समूह का गठन करने का निर्णय लिया था। इस 7 सदस्‍यीय मंत्री समूह में महाराष्‍ट्र के वित्‍त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, कर्नाटक के कृष्‍णा बायर गोडा, केरल के थॉमस इसाक, पंजाब के मनप्रीत सिंह बादल, उत्‍तर प्रदेश के राजेश अग्रवाल और गोवा के पंचायत मंत्री मौवीन गोदिन्‍हो शामिल किया गया है।