गुजरात के साबरकांठा जिले में पिछले हफ्ते 14 माह की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद राज्य के कई हिस्सों में उत्तर भारतीयों पर हमले हो रहे हैं। गैर गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया गया है। पिछले एक हफ्ते में गांधीनगर, मेहसाणा, साबरकांठा, पाटन और अहमदाबाद जिलों में हुई घटनाओं के संबंध में 170 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उधर, यह पता लगने पर कि बलात्कार का आरोपी बिहार का रहने वाला है, क्षत्रिय ठाकोर सेना ने कहा कि अन्य राज्यों के प्रवासी कामगारों को गुजरात में नौकरी नहीं दी जानी चाहिए। उत्तर भारतीयों पर हमले के आरोप ठाकोर सेना के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर पर लग रहे हैं। हालांकि अल्पेश ठाकोर ने दावा किया कि उन्होंने कभी भी क्षत्रिय ठाकोर सेना को गैर गुजरातियों पर हमले या हिंसा में शामिल होने के लिए नहीं कहा।

इस बीच, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पटना में कहा कि गुजरात के साबरकांठा जिले में बच्ची के साथ बलात्कार के बाद वहां बिहार के लोगों पर हमले के लिए ‘कांग्रेस समर्थित संगठन’ जिम्मेदार है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से फोन पर बातचीत के बाद कांग्रेस पर यह आरोप लगाया।

सुशील मोदी ने पटना में कहा कि उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री से जानकारी मिली है कि कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर से संबद्ध संगठन ‘ठाकोर सेना’ के 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में बिहार के लोग सुरक्षित हैं। वहां की पुलिस और सरकार हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। 

इससे पहले, गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा के अनुसार, सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों, खासकर बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाए जाने के बाद ये हमले हुए। पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे के पास एक गांव में 14 माह की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था। 

उन्होंने बताया कि बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के मजदूर को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। झा ने बताया कि गैर गुजरातियों पर हमले के बाद से राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘हमनें 170 लोगों को गिरफ्तार किया है। हम इस तरह की गतिविधियों की किसी भी कीमत में अनुमति नहीं देंगे। हमने कारखानों और हाउसिंग सोसाइटियों में निगरानी बढ़ा दी है। हम सोशल मीडिया संदेशों पर भी सख्त नजर रख रहे हैं।’ 

पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति ने यह संदेश फैला दिया कि एक फैक्ट्री में बड़ी संख्या में गैर गुजराती लोगों को नौकरी दी गई है। इसके बाद शुक्रवार की सुबह अरवल्ली जिले के काबोला गांव में एक फैक्ट्री के बाहर 200 लोगों की भीड़ इकट्टी हो गई। हालांकि, अरवल्ली जिले के पुलिस अधीक्षक मयूर पाटिल ने कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया और इनमें से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर दंगा भड़काने और दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए।

अहमदाबाद अपराध शाखा के साइबर अपराध प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया पर गैर-गुजराती लोगों के खिलाफ नफरत वाले संदेश फैलाने में संदिग्ध रूप से शामिल लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जे के भट्ट ने कहा कि दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई और भी लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। (इनपुट भाषा)