पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में चल रहे गुर्जर आंदोलन तीसरे तेज हो गया है। आंदोलन के कारण रेलवे ने राजस्थान को आने जाने वाली करीब 26 रेल गाड़ियों को रद्द कर दिया है जबकि 26 ट्रेनों के रूट बदले गये हैं। ऐसा माना रहा है कि आने वाले दिनों में ये आंदोलन और तेज हो सकता है।

सवाईमाधोपुर से शुरू हुआ ये आंदोलन अब राज्य के अन्य शहरों में फैल रहा है। गुर्जरों ने सवाईमाधोपुर के मलारना और नीमोदा रेलवे स्टेशन के बीच ट्रैक जाम कर दिया है। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई है। रेलवे ट्रैक रोकने की वजह से राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों में भी यात्रियों को परेशानियां हो रही हैं। गुर्जर आंदोलन की वजह से शनिवार को 14 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त रहीं। करीब 20 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया। जबकि आज रेलवे ने 26 ट्रेनों को रद्द किया है और 26 के रास्तों में बदलाव किया है।

रेलवे के मुताबिक इस मंडल की तरफ से संचालित होने वाली ज्यादातर ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। रेलवे ने इस रूट पर चलने वाली कुछ और ट्रेनों को रविवार, सोमवार व मंगलवार तक के लिए निरस्त कर दिया है। आंदोलन को देखते हुए हिण्डौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। यहां गुडला गांव में गुर्जरों द्वारा जाम लगाने से रोडवेज बसें रोकी गई। करौली-हिण्डौन मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इससे करौली होकर जाने वाली भरतपुर, अलवर, जयपुर, मथुरा और उदयपुर की बसों का रोडवेज ने संचालन बंद कर दिया है।

उधर राजस्थान सरकार ने आंदोलन के खत्म करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं और इसके लिए बनाई कमेटी के सदस्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भरतपुर पहुंचकर घना में शांति कुटीर में बैठक की। गुर्जर आंदोलन से ज्यादा प्रभावित भरतपुर और अजमेर संभाग ही हैं, इसलिए दोनों संभागों के प्रतिनिधित्व के रूप में विश्वेंद्र और रघु को गुर्जरों को मनाने का जिम्मा दिया गया है। भरतपुर में मौजूद विश्वेंद्र सिंह ने शनिवार सुबह सरकार के आला अफसरों की बैठक ली। इसमें तय होगा कि आंदोलन से किस तरह से निपटा जाए।