राजस्थान की गहलोत सरकार की मुश्किलें जल्द ही बढ़ने जा रही हैं। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ राहत महसूस कर रहे गहलोत की अब अग्नि परीक्षा होने जा रही है। राज्य के गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला राज्य सरकार को चेताया है कि अगर राजस्थान सरकार ने गुर्जरों समेत चार अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया तो शुक्रवार से वह फिर राज्य में बड़ा आंदोलन करेंगे।

बैंसला की चेतावनी से राजस्थान की गहलोत सरकार मुश्किल में है। क्योंकि इससे पहले भी बैंसला गुर्जरों को आरक्षण को लेकर बड़ा आंदोलन कर चुके हैं। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी और इसके समर्थन में लोगों ने रेलवे की पटरियों पर कब्जा कर लिया था और एक तरह से पूरे प्रदेश की व्यवस्था चरमरा गयी थी। लेकिन अब राज्य में गहलोत सरकार है और उन पर गुर्जरों समेत चार अन्य जातियों को राज्य में पांच फीसदी आरक्षण देने का दबाव है।

क्योंकि कांग्रेस ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में गुर्जरों को आरक्षण देने का वादा किया था। जिसके कारण सरकार पर जबरदस्त दबाव भी है। असल में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था और अब गुर्जर सरकारी दस्तावेज बन चुके घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। उधर बैंसला ने कहा कि 8 फरवरी को सवाई माधोपुर जिले के मलराना डूंगर में आयोजित बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति के बारे में फैसला किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब आंदोलन पिछली बार की तुलना में और ज्यादा आक्रामक होगा। आंदोलन के तहत राजमार्गों और सड़कों को अवरूद्ध किया जाएगा। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। हालांकि गुर्जर समाज को को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है, लेकिन गुर्जर पांच फीसदी से कम आरक्षण पर मानने को तैयार नहीं हैं।