कांग्रेसी भी अब राहुल गांधी की हकीकत समझने लगे हैं।  अपने राजनीतिक अनुभव के लिए मशहूर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हसराज भारद्वाज ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही सवाल उठा दिया। 

हंसराज भारद्वाज ने राहुल को नेता मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, 'अभी राहुल नेता नही हैं। जब तक उन्हें कोई पद नहीं मिलेगा, वह नेता नहीं बनेंगे। राहुल गांधी नेता तब बनेंगे, जब जनता उन्हें नेता बनाएगी।'

हंसराज भारद्वाज का कहना स्पष्ट था कि राहुल गांधी को फिलहाल जनता ने स्वीकार नहीं किया है। 

हंसराज भारद्वाज ने राहुल गांधी के मंदिर जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर वह (राहुल) जो भी करते हैं, वह गलत ही हो जाता है। भारद्वाज ने कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर मुड़ने पर कहा कि कांग्रेस के फेल होने का सबसे बड़ा कारण ही यही है कि वह धर्म की राजनीति में पड़ती है। 

भारद्वाज ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने कभी धर्म के नाम पर राजनीति नहीं की। 
 
भारद्वाज ने राहुल को राजनीति में नौसिखिया बताया और कहा कि राहुल गांधी अभी राजनीति सीख रहे हैं। 

हंसराज भारद्वाज के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता टॉम वडक्कन का कहना है कि हंसराज भारद्वाज जैसे नेता अभी भी अतीत में ही जी रहे हैं। वह उन दिनों को याद कर रहे हैं जब वह बड़े नेता हुआ करते थे और राहुल बच्चे थे। लेकिन अब समय बदल गया है।  

हंसराज भारद्वाज इससे पहले भी कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर इस तरह के बयान देते रहे हैं। अप्रैल, 2016 में जब राहुल कांग्रेस उपाध्यक्ष थे, तब भी उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को अभी राजनीति सीखने की जरूरत है।

वहीं, 2015 में भारद्वाज ने कहा था कि बीजेपी से मुकाबला करने में कांग्रेस पार्टी काफी कमजोर है।  उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस काबिल नहीं है।

भारद्वाज ने 2015 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में कहा था कि राहुल भी जमीनी हकीकत से दूर हैं। राहुल युवा हैं और उन्हें युवाओं का नेतृत्व करना है लेकिन, वे वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में नही हैं।

भारद्वाज 2009 से 2014 तक यूपीए-2 के कार्यकाल में केंद्रीय कानून मंत्री थे। इसके अलावा राज्यसभा सांसद के साथ ही वह कर्नाटक और केरल के गवर्नर भी रहे हैं।