मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।  रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार को कहा, कांग्रेस ने मान लिया है कि वह एक मुस्लिम पार्टी है। अब कांग्रेस 'जनेऊधारी' से यू-टर्न लेते हुए 'मुस्लिमधारी' बन गई है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस रिपोर्ट और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के 'हिंदू पाकिस्तान' वाले बयान पर रुख साफ करने की चुनौती दी। 

निर्मला ने कहा,  2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का एजेंडा सामने आ गया है। कांग्रेस धर्म के आधार पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसी की जमीन तैयार करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस 1947 की 'बांटों और राज करो' की रणनीति दोहराने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी की कुछ मुस्लिम विद्वानों से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए निर्मला ने कहा कि इसमें उन्होंने अपनी 'गलती' सुधारने की कोशिश करते हुए कहा कि कांग्रेस एक 'मुस्लिम पार्टी' है। जो कांग्रेस अन्य दलों पर यह आरोप लगाती है कि उन्होंने आजादी के आंदोलन में कुछ नहीं किया, वह अब भारत के संविधान के खिलाफ बयानबाजी कर रही है। 

निर्मला ने कहा, कांग्रेस नेता शशि थरूर  भारत के 'हिंदू पाकिस्तान' बन जाने की बात कहते हैं। हालांकि बाद में तिलक-चंदन लगाकर उन्होंने यह जताने की कोशिश जरूर की कि उनका यह मतलब नहीं था। दिग्विजय सिंह भी कई बार ऐसे ही बयान दे चुके हैं। कुछ साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि बजट में सबसे पहला हक मुस्लिमों का है। कांग्रेस लंबे समय से अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण में लगी है। अब वह एक नए स्तर पर पहुंच गई है। अब वह मुस्लिमों के अगले दलित बनने की बात कह रही है। इससे यह समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस क्या करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता और कर्नाटक के अल्पसंख्यक मंत्री जेडए खान ने देश में शरिया अदालतों के गठन का समर्थन किया था। 

निर्मला ने कहा कि मुस्लिम विद्वानों के साथ हुई मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने उनसे माफी मांगते हुए कहा कि पार्टी को गुमराह किया गया। इसलिए कांग्रेस 2014 का लोकसभा चुनाव हार गई। 2019 के चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी गलती सुधारना चाहती है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस 1947 की तरह धर्म के आधार पर बंटवारे का खतरनाक खेल खेलने की कोशिश कर रही है। तब यह देश में बंटवारे और सांप्रदायिक विद्वेष का कारण बन गया था। अगर अब से लेकर 2019 के चुनाव तक सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश होती है, तो अंदाजा लगा सकते हैं कि यह देश कहां जाएगा। उन्होंने पूछा, क्या कांग्रेस देश में शरिया अदालत चलाए जाने के पक्ष में है? कांग्रेस कभी जनेऊधारी, कभी मुस्लिमधारी अथवा कभी कुछ और बनकर नहीं रह सकती। एक जिम्मेदार पार्टी के अध्यक्ष होने के राहुल को अपना रुख साफ करना चाहिए।