नई दिल्ली। कोरोना वायरस के उपचार में हेपेटाइटिस-सी की दवाएं प्रभावी हैं। साइंस इन स्ट्रक्चर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि हेपेटाइटिस-सी दवाओं में एक विशेष एंजाइम होता है जो मानव कोशिकाओं में कोरोना वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने से रोकने की क्षमता रखता था।

अध्ययन अमेरिकी ऊर्जा विभाग के ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में आयोजित किया गया था। शोध में पाया गया है कि हेपेटाइटिस-सी की दवा से कोरोना वायरस के मुख्य प्रोटीज को नष्ट किया जा सकता है। प्रोटीज एक महत्वपूर्ण प्रोटीन एंजाइम है जो कोरोना वायरस को प्रजनन शक्ति देता है।


शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए यह आवश्यक है कि इसमें मौजूद प्रोटीन्स को कार्य करने से रोका जाए। प्रमुख लेखक डैनियल नेलर ने कहा कि हमने पाया कि हेपेटाइटिस-सी ड्रग्स कोरोना वायरस प्रोटीज को रोकते और रोकते हैं।

कोरोना प्रोटीज पर हमला करने वाली पहली दवा

प्रमुख लेखक, डैनियल नेलर ने कहा कि अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अनुमोदित कोई वर्तमान नहीं है जो एसएआरएस-कोव -2 वायरस के मुख्य प्रोटीज को लक्षित करता है। यह शोध, वह कहता है, यह निर्धारित करने में पहला कदम है कि क्या इन दवाओं को कोविद -19 के उपचार में उपयोगी उम्मीदवार माना जाना चाहिए।