जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35 ए पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होने वाली है। इसके समर्थन में जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे हैं। जिसकी आशंका फिर से देखते हुए जम्मू-कश्मीर में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

साथ ही केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों की 120 कंपनियां जम्मू-कश्मीर भेजी है। एक कंपनी में 100 जवान होते हैं।

पुलवामा में हुए हमले के बाद 20 से अधिक अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। इनमें अललगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, मीरवाइज उमर फारूक और शबीर अहमद शामिल हैं।

यासीन मलिक और कुछ अलगाववादियों को हिरासत में भी लिया गया है। यह लोग सुप्रीम कोर्ट मे अनुच्छेद 35-ए पर फैसले के बाद हिंसा भड़का सकते थे। 

अनुच्छेद 35A का प्रावधान जम्मू कश्मीर के बाहर के व्यक्ति को जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्ति खरीदने से रोकता है। इस प्रावधान को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है।

जम्मू-कश्मीर की ज्यादातर पार्टियां अनुच्छेद 35A के पक्ष में है. अनुच्छेद 35A अनुच्छेद 370 का मूल हिस्सा है।