सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडन से संबंधित खबर मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है। 

दिल्ली हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेमन ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है लिहाजा इस मामले पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। 

बता दें कि यह याचिका एनजीओ एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीडन की खबरों से देश की न्याय व्यवस्था प्रभावित होगी।

याचिका में न्यूज चैनल, समाचार पत्र के अलावा सोशल मीडिया पर भी इन खबरों के रोक की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में राष्ट्रविरोधी तत्वों के हाथ होने की संभावना है। अगर इससे जुड़ी खबर छापने या प्रसारित होने से न रोक गया तो लोगों का देश की न्याय व्यवस्था से भरोसा खत्म हो जाएगा। 

गौरतलब है कि एड मामले में वकील उत्सव बैंस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि मुख्य न्यायाधीश को फंसाने के लिए साजिश रची गई है। 

उनके हलफनामे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 25 अप्रैल को इस मामले से जुड़े साजिश की जांच के लिए जस्टिस एके पटनायक को नियुक्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस के प्रमुखों को जस्टिस पटनायक को सहयोग करने का निर्देश दिया है।