-हिंदूवादी संगठनों ने किया विरोध और पोस्टर पर काली स्याही फेंकी 

हाल के दिनों में अपने बयान को लेकर सुर्खियों में बने नसीरुद्दीन शाह को अजमेर में हो रहे लिटरेचर फेस्टिवल को छोड़ना पड़ा। कई संगठनों ने दो दिन पहले मॉब लिंचिंग को दिए गए विवादास्पद बयान के बाद उन्हें इस फेस्टिवल में आना था। लेकिन विरोध के कारण वह इसमें नहीं आए। संगठनों ने विरोध पर उनके पोस्टरों पर स्याही फेंकी।

दो दिन पहले फिल्म अभिनेता नसीरुउद्दीन शाह ने कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस अफसर की मौत पर अपना विवादित बयान दिया। शाह ने कहा कि एक व्यक्ति के स्थान पर एक गाय को महत्व दिया जा जा रहा है और मैं और मेरा परिवार हिंदू और मुस्लिम पर भेदभाव नहीं करता है। लेकिन अब मुझें अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने में डर लगती है और उनकी फिक्र होती है। शाह के इस बयान के बाद उनका विरोध होना शुरू हो गया था। इससे पहले भी शाह भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन विराट कोहली के बारे में भी विवादास्पद बयान दे चुके हैं।

उधर अजमेर में हो रहे लिटरेचर फेस्टिवल में हिंदूवादी संगठनों के विरोध के चलते आयोजकों ने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कार्यक्रम रद्द कर दिया। तीन दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में नसीरुद्दीन शाह शुक्रवार को मुख्य वक्ता के तौर पर आने वाले थे, लेकिन वे विरोध के चलते नहीं आ सके। उधर फेस्टिवल के संयोजक रास बिहारी गौर ने कहा कि संगठनों ने नसीरुद्दीन का विरोध किया है और उनके पोस्टर पर काली स्याही भी फेंकी।

लिटरेचर फेस्टिवल में होने वाले बाकी कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू हुए। यह फेस्टिवल रविवार को खत्म होगा। हालांकि, शुक्रवार को वह अपने बयान से पलटते नजर आए और उन्होंने कहा कि मैंने जो कहा, वह एक परेशान भारतीय के नाते कहा था। मैंने पहले भी यही कहा था। इस वक्त मैंने कहा तो मुझे देशद्रोही कहा जा रहा है, इस पर आश्चर्य होता है।