लगातार हो रही मुठभेड़ों के बाद कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन बौखला गए हैं। सुरक्षा बलों का मुकाबला करने के बजाय आतंकी संगठन राज्य पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा कर धमकी दे रहे हैं। पिछले दो दिन में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस में काम करने वाले 11 कर्मचारियों के परिजनों को अगवा कर लिया। हालांकि स्थानीय लोगों की नाराजगी बढ़ने के डर से 24 घंटे के भीतर ही सभी को छोड़ दिया गया। 

इस बीच, हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू का एक ऑडियो टेप आया है। 'माय नेशन' को मिले टेप में वह अगवा किए लोगों को छोड़ने की बात कह रहा है। 11 मिनट लंबी एक ऑडियो मैसेज में वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को धमकाता हुआ नजर आ रहा है। उसका कहना है, जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवाद के खिलाफ अभियानों को प्रमुखता से लीड कर रही है। इस कारण उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस के लोकल जवानों पर हमला करना पड़ रहा है।

 'माय नेशन' से बात करते हुए डीजीपी वैद ने कहा था कि आतंकी "चोरों" की तरह कायराना ढंग से जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों पर हमला करते हैं। अगर वह सामने आकर हमला करें तो राज्य पुलिस के जवान उनको मुंहतोड़ तरीके से जवाब देंगे।

टेप में नायकू कह रहा है, 'यह उसकी आखिरी चेतावनी थी। आगे से पुलिस का हाल भी वैसा ही होगा जैसा बाकी सुरक्षा एजेंसियों का होता है|'

 हिजबुल कमांडर की इस धमकी को आतंकी संगठनों की हताशा के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि आम कश्मीरी अब राज्य पुलिस को खुलकर आतंकियों की मौजूदगी की सूचनाएं दे रहे हैं। इनके चलते सुरक्षाबलों ने पिछले 8 महीनों में 142 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है।

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बहरहाल राज्य पुलिस के सूत्रों के अनुसार, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी। एक अधिकारी के मुताबिक, नायकू ने सही कहा है कि यह उसकी आखिरी चेतावनी है, क्योंकि वह सुरक्षा बलों के टॉरगेट में टॉप पर है। 

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11 लोगों की रिहाई के बाद आतंकी संगठन ने एक-एक कर सात से अधिक वीडियो जारी किए जिसमें अगवा किए गए लोग डीजीपी एसपी वैद से आतंकियों के परिवारों को तंग न करने की अपील कर रहे थे। इसमें वे वैद से यह कहते भी दिख रहे हैं कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ना चलाए जाएं क्योंकि वे भी आम नागरिक हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो एसपीओ के नौकरी छोड़ने की बात सामने आ रही है। इनमें से एक की पहचान अजमल आमीन के नाम से हुई है। वह शोपियां का रहने वाला है। उधर, पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि इन वीडियो की जांच की जा रही है और इनकी प्रमाणिकता सिद्ध होने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।