पटना। बिहार के सरकारी अस्पतालों से 362 डाक्टरों के गायब होने की खबर है। जिसके बाद राज्य सरकार ने इन डाक्टरों को नोटिस जारी कर दिया है। वहीं बिहार सरकार ने चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों, पैरामेडिक्स और ग्रेड 4 स्टाफ की सभी छुट्टियों को रद्द कर दिया है।

राज्य में कोरोना का कहर जारी है और पिछले कुछ दिनों के दौरान राज्य में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है।  वहीं राज्य में बाहर से प्रवासी मजदूर  भी आ रहे हैं। जिसके बाद राज्य में कोरोना के मामले बढ़ने आशंका है। लेकिन एक तरह जहां हजारों डाक्टर दिन रात कोरोना से लड़ रहे हैं वहीं राज्य के अस्पतालों में 362 डाक्टर गायब पाए गए हैं।  कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच डॉक्टरों के गायब होने के बाद स्पष्टीकरण मांगा गया है। सरकार का कहना है कि गायब रहने वाले डाक्टरों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 राज्य सरकार का कहना है कि 31 मार्च से 12 अप्रैल के बीच राज्य के 37 से अधिक जिलों में डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले और इसके बाद अब इनके खिलाफ कार्यवाही का जाएगी। वहीं इस बीच राज्य सरकार ने सभी चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों, पैरामेडिक्स और ग्रेड 4 स्टाफ के सभी प्रकार के छुट्टियों (मातृत्व अवकाश और अध्ययन अवकाश को छोड़कर) को 31 मई, 2020 तक रद्द कर दिया है। वहीं अब बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 535 तक पहुंच गई है। राज्य के 38 जिलों में 32 जिले कोरोना से प्रभावित हैं और मुंगेर सबसे अधिक प्रभावित जिला है। वहीं अब राज्य में चार लोगों क मौत कोरोना से हुई है जबकि वर्तमान में 400 सक्रिय मामले हैं।  वहीं कुल 124 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि अब तक 29906 मामलों की जांच हुई है।

उधर पड़ोसी राज्य ओडिशा में कोरोनावायरस के मामले बढ़करर 177 तक पहुंच गए हैं। जबकि 60 मामले लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। राज्य सरकार का कहना है कि सात व्यक्तियों में मंगलवार को कोरोना का संक्रमण पाया गया है और ये गुजरात और पश्चिम बंगाल से लौटे थे। सात मामलों में तीन मामले बालासोर में, गंजम से एक, सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला से एक, जाजपुर जिले से एक और कटक जिले में एक व्यक्ति में कोरोना पाया गया है।