साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अगर किसी राज्य में सबसे अच्छी स्थिति में नजर आ रही है तो वह पंजाब में है। कांग्रेस यहां बड़े जनादेश के साथ सत्ता में है। माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस राज्य की 13 में कम से कम 10 सीटों को जीतने की स्थिति में है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के एक बयान ने पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। 

सैम पित्रोदा के 1984 के सिख विरोधी दंगों पर दिए गए 'हुआ तो हुआ' वाले बयान के बाद से कांग्रेस बैकफुट पर है। उसे पंजाब में सियासी खेल बिगड़ने का डर सता रहा है। भाजपा लगातार इस बयान को प्रचार के दौरान मुद्दा बना रही है। पार्टी पहले ही इस बयान से पल्ला झाड़ चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक फेसबुक पोस्ट के जरिये इस बयान के किनारा कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस को अंदरखाने इस बयान से बड़ा सियासी नुकसान होने की आशंका सताने लगी है। यही वजह है कि राहुल पंजाब में इस बयान को लेकर लगातार सफाई दे रहे हैं। 

राहुल गांधी ने फतेहगढ़ साहिब में एक रैली के दौरान कहा, 'सैम पित्रोदा ने 1984 के बारे में जो बोला है, वह बिल्कुल गलत है। उन्हें देश से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। मैंने उन्हें फोन करके यह बोला है। मैंने पित्रोदा से कहा कि आपनो जो कहा वह गलत है। आपको शर्म आनी चाहिए,आपको सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।' 

इससे पहले भी राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये पित्रोदा के इस बयान की आलोचना की थी। अपने पोस्ट में राहुल ने कहा था कि सैम पित्रोदा ने जो कहा वह अनुचित है और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। राहुल ने लिखा था, 'मेरा मानना है कि 1984 एक अनावश्यक त्रासदी थी जिससे अत्यधिक पीड़ा हुई। न्याय होना चाहिए और जो लोग 1984 की त्रासदी के लिए दोषी थे, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।' 

सैम पित्रोदा ने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद सफाई देते हुए कहा था , 'मेरी हिंदी अच्छी नहीं है, इसलिए मेरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। मेरे कहने का मतलब था कि जो हुआ वो बुरा हुआ, मैं अपने दिमाग में बुरा का अनुवाद नहीं कर सका था। मुझे दुख है कि मेरा बयान गलत ढंग से पेश किया गया। मैं माफी मांगता हूं।'