भुवनेश्वर--बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान तितली उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटीय तटों तक पहुंच गया है। इससे बचने के लिए ओडिशा से तीन लाख लोगों को तटीय इलाकों से हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।

तितली का लैंडफॉल ओडिशा के गोपालपुर से 86 किमी दक्षिण-पश्चिम में है। तेज हवाओं के कारण कई इलाकों में बिजली के पोल और पेड़ गिरने की खबरें हैं। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।

 

इस बीच, ओडिशा सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए अपने तंत्र को तैयार रखा है। राज्य सरकार ने पहले ही पांच तटीय जिलों में चक्रवात के आगमन से पहले निचले क्षेत्रों और कच्चा मकानों में रहने वाले 3 लाख से अधिक लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।

 

भुवनेश्वर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर बिस्वास ने बताया, "तूफान के जमीन पर दस्तक देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह ओडिशा तट को एक या दो घंटों में पूरी तरह से पार कर जाएगा। यह गोपालपुर के पास से जाएगा।" आईएमडी ने कहा, "तूफान की आंख सरीखे दिखने वाले हिस्से का आगे का क्षेत्र भूखंड (लैंडमास) में प्रवेश कर रहा है।" 

ओडिशा के गोपालपुर में सतह पर हवा की रफ्तार 126 किमी प्रति घंटे थी जबकि आंध्र प्रदेश के कलिंगपत्तनम में इसकी रफ्तार 56 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई। चक्रवात के दस्तक देने के बाद तितली ओडिशा के गंजम, गजपति, पुरी, खुर्दा और जगतसिंहपुर जैसे पांच जिलों में तेज हवा के साथ भारी वर्षा हो रही है।

 

विश्वास ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान (वीएससीएस), 'तितली' की निगरानी विशाखापत्तनम, गोपालपुर और पारादीप स्थित तटीय डॉप्लर मौसम रडार द्वारा की जा रही है।

ताजा अवलोकनों से संकेत मिलता है कि पश्चिम-केंद्रीय बंगाल की खाड़ी के ऊपर से 'तितली' तूफान पिछले छह घंटों के दौरान लगभग 19 किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा।

जमीन पर दस्तक देने के बाद तूफान के धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व में फिर से वक्र करके ओडिशा को पार करके गंगा से लगे पश्चिम बंगाल के हिस्से की तरफ बढ़ने और फिर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।

अधिकारियों ने कहा कि तूफान से पेड़ और बिजली के खंभों के उखड़ने और कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबर है। गोपालपुर और ब्रह्मपुर सहित कुछ स्थानों पर सड़क संपर्क टूट गया है।