फ्रांस के साथ राफेल विमान सौदे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमले कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। वायुसेना ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि जिनके अनुसार, एनडीए सरकार ज्यादा कीमत चुकाकर फ्रांस से राफेल विमानों को खरीद रही है। वायुसेना के मुताबिक, मौजूदा सरकार इन विमानों के लिए यूपीए के समय में हो रही डील से काफी कम दाम में राफेल खरीद रही है। 

राफेल सौदे पर 'माय नेशन' के सवालों का जवाब देते हुए उपवायुसेना प्रमुख और एयर मार्शल आर नांबियार ने कहा कि ये आरोप भी सही नहीं हैं कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को 30,000 करोड़ का फायदा पहुंचाया जा रहा है। 


जब एयर मार्शल नांबियार से पूछा गया कि राहुल का दावा है कि मोदी सरकार राफेल विमानों को 2008 में यूपीए सरकार के समय हो रही वार्ता से 1,000 करोड़ रुपये ज्यादा देकर खरीद रही है तो उन्होंने कहा, 'जो लोग ये आंकड़ा दे रहे हैं, उन्हें सही जानकारी नहीं है। वे उन तथ्यों से परिचित नहीं है, जो वायुसेना को पता हैं। हम फ्रांस के साथ हुई अनुबंध वार्ता का हिस्सा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो किसी भी तरह तथ्यों से मेल खाते हैं।'

कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी पार्टी राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर बड़े घोटाले का आरोप लगा रही है। मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ वर्ष 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था। कांग्रेस का दावा है कि सरकार एक विमान पर 1,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त दे रही है। 

उपवायुसेना उपप्रमुख ने कहा,  'इस खरीद की पूरी कीमत तो तत्वों पर आधारित है। पहला इसकी कीमत और दूसरा भुगतान का तरीका। दोनों को जोड़ दें तो मैं आपसे कह सकता हूं कि हम जिन राफेल को खरीदने जा रहे हैं उनके लिए 2008 में हो रहे सौदे से काफी कम दाम चुकाया जा रहा है।'